गिर की शाही दुनिया की अद्भुत झलक: हरविजय सिंह बाहिया की कॉफी टेबल बुक ‘लॉर्ड्स ऑफ गिर’ का विमोचन

Press Release

आगरा। जंगल केवल पेड़-पौधों और जानवरों का समूह नहीं, बल्कि एक जीवंत विश्व है। इसी संदेश को जीवंत करते हुए 75 वर्षीय स्पोर्ट्स पर्सन, वरिष्ठ उद्यमी, समाजसेवी और वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर हरविजय सिंह बाहिया ने अपनी नई कॉफी टेबल बुक ‘लॉर्ड्स ऑफ गिर’ का विमोचन होटल क्लार्क शिराज में किया।

पुस्तक में 100 पृष्ठ और 106 अद्वितीय फोटोग्राफ हैं, जो गिर के जंगलों और बब्बर शेरों की दुनिया को जीवंत रूप में पेश करते हैं। पुस्तक को उन्होंने अपनी दिवंगत पत्नी इंदु को समर्पित किया, जिन्हें वह अपनी जिंदगी की शेरनी मानते थे। इसमें शेरनी के जीवन के रंग, शावकों की मासूमियत और खेल-कूद के क्षण खूबसूरती से कैद किए गए हैं।

विमोचन समारोह में दो सत्रों में कार्यक्रम आयोजित किए गए। अंशु खन्ना के संचालन में विशेष अतिथि डॉ. दिव्यभानु सिंह चावड़ा (अध्यक्ष, WWF इंडिया) और डॉ. एम.के. रंजीत सिंह झाला ने वन्य जीवन और संरक्षण के अनुभव साझा किए। लेखक हरविजय सिंह बाहिया ने पुस्तक निर्माण की प्रक्रिया, गिर के जंगल और शेरों के जीवन के अनगिनत रोमांचक पलों को साझा किया।

मुख्य वक्ता भवेंद्र शर्मा ने कहा कि गुरुकुल बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण के लिए आज भी आवश्यक हैं और सनातनी समाज को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार उपलब्ध कराना जरूरी है। डॉ. हरिशंकर ने सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तनों में सनातनी चेतना का महत्व बताया। डॉ. रंजीत सिंह झाला ने एशियाई सिंह की गरिमा और गिर के जंगल के संरक्षण की महत्ता पर प्रकाश डाला।

हरविजय बाहिया ने कहा कि जंगल केवल जानवरों का संसार नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और विरासत का आईना है। पुस्तक का उद्देश्य वन्य जीवन की सुंदरता दिखाने के साथ-साथ लोगों में संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना भी है। उन्होंने शेर और चीतों पर आधारित नई पुस्तकें तैयार करने की योजना का भी जिक्र किया।

विमोचन समारोह में शहर के वरिष्ठ और गणमान्य लोग उपस्थित रहे, जिनमें सविता जैन, जयदीप भंडारी, राम कपूर, पूर्व मंत्री अरिदमन सिंह, श्रुति सिन्हा सहित कई नाम शामिल थे। बच्चों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया।

गिर के जंगल: शेरों की शाही दुनिया और वन्य जीवन का रोमांच

गिर का जंगल बब्बर शेरों का प्राकृतिक आवास होने के साथ-साथ जैव विविधता का अद्वितीय केंद्र है। यहां शेर, शेरनी और शावक स्वतंत्रता और स्वाभाविकता के साथ जीवन जीते हैं। इसके अलावा बारहसिंगा, चीतल, नीलगाय, लकड़बग्घा और विविध पक्षी प्रजातियां भी निवास करती हैं। गिर की भौगोलिक संरचना और प्राकृतिक पर्यावरण शेरों की शिकार रणनीति और पारिवारिक बंधनों को प्रभावित करती है। यह जंगल मनुष्य और प्रकृति के संतुलन का उदाहरण प्रस्तुत करता है और इसकी सुंदरता, रोमांच और जैव विविधता विश्वभर में मशहूर है।

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