जब छात्र हत्यारे बन जाएं: संवाद का अभाव, संस्कारों की हार, स्कूलों में हिंसा समाज की चुप्पी का फल
प्रियंका सौरभ स्वतंत्र पत्रकार, कवयित्री और व्यंग्यकार हिसार में शिक्षक जसवीर पातू की हत्या केवल एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि हमारे समाज की संवादहीनता, विफल शिक्षा व्यवस्था और गिरते नैतिक मूल्यों का कठोर प्रमाण है। आज का किशोर मोबाइल की आभासी दुनिया में जी रहा है, जबकि घर और विद्यालय दोनों में उपेक्षित है। मानसिक […]
Continue Reading