एसी कमरों में बैठकर एग्जिट पोल बनाने वालो का बोरिया बिस्तर पैक, हरियाणा ने जातिवाद को नकारा, एग्जिट पोल हुए धराशायी, फिर से बीजेपी छाई

प्रियंका सौरभ जनता ने चुप रहकर सबका हित चाहने वालों को दिया वोट। पब्लिक सब जानती है किस में और कहाँ है कितना खोट। कांग्रेस ने दो दिन खूब खुशियाँ मनाई, किसने रोका था, मना भी लेनी चाहिए। लेकिन अतिआत्मविश्वास बहुत घातक होता है, जो कांग्रेस के सर चढ़कर बोला दो दिन। इनको क्या पता […]

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एंटीबायोटिक प्रतिरोध 21वीं सदी का एक नया महामारी खतरा

डॉ सत्यवान सौरभ एंटीबायोटिक प्रतिरोध के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए, व्यक्तियों को केवल प्रमाणित स्वास्थ्य पेशेवर द्वारा निर्धारित किए जाने पर ही एंटीबायोटिक्स का उपयोग करना चाहिए। यदि आपका स्वास्थ्य कार्यकर्ता कहता है कि आपको एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता नहीं है, तो कभी भी एंटीबायोटिक्स की मांग न करें। एंटीबायोटिक्स का उपयोग […]

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‘कार्बन क्रेडिट खेती’ में छोटे और सीमांत किसानों के लिए लाभ का द्वार

प्रियंका सौरभ कृषि में कार्बन क्रेडिट बाजार अभी प्रारंभिक अवस्था में है और इसके लिए सख्त नियामक प्रणाली की आवश्यकता है। छोटे पैमाने के किसान जो कम कार्बन और वनों की कटाई से मुक्त पद्धतियों को लागू करते हैं, वे कार्बन बाजारों से लाभ उठाने की अच्छी स्थिति में हैं। कार्बन बाजार उन किसानों को […]

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देश के विकास में सबसे बड़ी चुनौती ‘जनसंख्या विस्फोट’

आजकल जब भी आप अख़बार खोलते होंगे या ख़बरें सुनते होंगे, तो अक्सर एक शब्द सुनाई देता होगा, वह है ‘जनसंख्या विस्फोट’। और सही भी है, आखिरकार हम लोग दुनिया की सबसे बड़ी जनसंख्या वाले देश के निवासी बन चुके हैं। 2023 में हमने चीन को पीछे छोड़ दिया, और अब लगभग 142 करोड़ की […]

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नग्नता का नंगा नाच करती सोशल मीडिया..

प्रियंका सौरभ जीवन का चरमसुख अब फॉलोअर्स पाने और कमेंट आने पर निर्भर हो गया है। फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर नग्न अवस्था में तस्वीरें शेयर कर आज लड़कियां लाइक कमेंट पाकर खुद को अनुगृहित करती दिखाई देती है मानो जीवन की सबसे अहम और जरूरी ऊंचाई को उन्होंने पा लिया हो। इस नग्नता को हम […]

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हरियाणा का खराब लिंगानुपात क्यों नहीं बना चुनावी मुद्दा?

प्रियंका सौरभ ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के शुरुआती साल 2014 में लिंगानुपात में कुछ सुधार के बाद हरियाणा में यह फिर से बिगड़ने लगा है। एक साल में ही हरियाणा में जन्म के समय लिंगानुपात में बड़ा सुधार हुआ। एक हज़ार लड़कों के मुकाबले 900 लड़कियों के जन्म के साथ ही यह बीते 20 […]

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श्रीलंका में राजनीतिक बदलाव कहीं भारत के लिए खतरे की घंटी तो नहीं

प्रियंका सौरभ श्रीलंका में राजनीतिक बदलाव कहीं भारत के लिए खतरे की घंटी तो नहीं। चीन के लिए, जे.वी.पी. के नेतृत्व वाला श्रीलंका उसके ‘मोतियों की माला’ में एक और रत्न होगा, जो क्षेत्र पर उसकी पकड़ को मजबूत करेगा। श्रीलंका दे सकता है टेंशन, भारत करे तो क्या? चीन की ओर झुकाव से श्रीलंका […]

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डिजिटल युग में फर्जी खबरें बनी समाज के लिए चुनौती

प्रियंका सौरभ यह पवित्रता ही है जो समाचार को समाज में एक विशिष्ट स्थान प्रदान करती है। लेकिन फर्जी खबरों की परिघटना समाचार के मूल मूल्यों को निशाना बनाती है, जो असामाजिक तत्वों, अफवाह फैलाने वालों या उन उच्च और शक्तिशाली लोगों के निजी हितों को पोषित करती है, जो समाचार की आड़ में अपना […]

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डिजिटल दुनिया में क्या देख रहे हैं आपके बच्चे: साइबर सुरक्षा आधुनिक पेरेंटिंग का एक अनिवार्य हिस्सा

प्रियंका सौरभ डिजिटल युग में, ऑनलाइन सुरक्षा और बच्चों के सूचना तक पहुँच के अधिकार के बीच संतुलन बनाना एक जटिल चुनौती बनी हुई है। सहयोगात्मक प्रयासों, डिजिटल साक्षरता में सुधार और आयु-उपयुक्त मजबूत विनियमों को लागू कर, बच्चों को ऑनलाइन खतरों से बेहतर तरीके से सुरक्षित किया जा सकता है। बच्चों के लिए साइबर […]

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बच्चो की आत्महत्या के जिम्मेदार माता पिता या स्कूल कोचिंग ?

नई दिल्ली, सितम्बर 20: भारत में छात्र आत्महत्या के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। जितने भारत में टॉपर्स निकल रहे हैं, उससे 10 गुना ज्यादा बच्चे आत्महत्या कर रहे हैं। सिर्फ 10वीं-12वीं या कॉलेज के बच्चों के ही नहीं, बल्कि इससे भी ज्यादा कक्षा 4 से लेकर कक्षा 9 तक के बच्चे आत्महत्या […]

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