अवैध प्रवासन को सहानुभूति और तत्परता से हल करे भारत

डॉ सत्यवान सौरभ भारत ने बिना दस्तावेज़ वाले भारतीयों को तब तक स्वीकार करने पर सहमति जताई है, जब तक उनकी राष्ट्रीयता सत्यापित हो जाती है और इसने द्विपक्षीय सम्बंधों से समझौता किए बिना आव्रजन मुद्दे को संभालने के लिए कूटनीतिक प्रयास किए हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को […]

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समाज के वंचित वर्ग को भी मिले पीने को दूध

डॉ सत्यवान सौरभ समान दूध की पहुँच सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत उपाय सबसे पहले आते हैं। पोषण कार्यक्रमों में सुधार जैसे प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण और एकीकृत बाल विकास सेवा जैसी योजनाओं के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाएँ, जो स्कूल के भोजन और घर ले जाने वाले राशन में दूध की आपूर्ति करती हैं। कर्नाटक […]

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भाषा और पठन-पाठन की बेहतर समझ की ओर बढ़ता ‘निपुण भारत’

प्रियंका सौरभ हालिया वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट 2024 में कहा गया है कि ग्रेड III के विद्यार्थियों ने अपने पढ़ने के कौशल (24% से 34%) और घटाव के कौशल (29% से 41%) में सुधार किया है। श्रगतिका घोष जैसे युवा पाठक इस बात के उदाहरण हैं कि कैसे जीवंत और प्रासंगिक कार्यपुस्तिकाओं को अपनाने से […]

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बांग्लादेशी घुसपैठिए और देश की राजधानी दिल्ली

डॉ राकेश कुमार आर्य( लेखक सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता हैं ) देश के राजनीतिक लोग जिस प्रकार वोट और तुष्टिकरण की राजनीति के माध्यम से अपनी सत्ता को स्थाई बनाने का घृणास्पद कार्य करते जा रहे हैं, वह देश के लिए चिंता का विषय है। नेताओं के इस […]

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इच्छा मृत्यु पर कानूनी स्वीकृति और उसके प्रभाव: कर्नाटक सरकार का ऐतिहासिक कदम

बृजेश सिंह तोमर(वरिष्ठ पत्रकार एवं आध्यात्मिक चिंतक) कर्नाटक सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए असाध्य बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को गरिमामय मृत्यु चुनने का अधिकार दिया है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत लिया गया है ।कर्नाटक सरकार […]

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चिंताजनक है बच्चों के साथ समय न बिताना…

प्रियंका सौरभ बात करना बहुत ज़रूरी है, साथ ही ज़रूरत पड़ने पर दयालु होना भी ज़रूरी है! जितना हो सके अपने बच्चे को अपने काम में शामिल करने की कोशिश करें। उन पर ध्यान दें और उनकी पसंदीदा गतिविधियों में शामिल हों; इससे आप दोनों के बीच नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। बच्चे स्वाभाविक रूप से अपने माता-पिता […]

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महामारी में राज्य सरकारों की स्वास्थ्य सेवाएं कमजोर क्यों?

डॉ सत्यवान सौरभ भारत को स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक अंतर-सरकारी संगठन की तत्काल आवश्यकता है, क्योंकि अनेक स्वास्थ्य क्षेत्रों का तेजी से वैश्वीकरण हो रहा है तथा समकालीन प्रौद्योगिकियों का प्रभाव बढ़ रहा है, जो स्वास्थ्य रणनीतियों को बदल रहे हैं। एक ऐसा संगठन जो संघीय सरकार तथा राज्यों के बीच समन्वय में सुधार […]

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अमेरिका की फंडिंग बन्द होने से बीमार होता विश्व स्वास्थ्य संगठन

प्रियंका सौरभ डब्ल्यूएचओ, जिसके लिए यह 1948 में अपनी स्थापना के बाद से जाना जाता है, अमेरिका के हटने के परिणामस्वरूप निम्न-गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान करेगा। सार्वजनिक स्वास्थ्य हलकों के अनुसार, भारत को महामारी की तैयारी, टीबी, एड्स, रोगजनक और एंटीबायोटिक प्रतिरोध निगरानी, अन्य कार्यक्रमों में अधिक निवेश करने के लिए तैयार रहना चाहिए। राष्ट्रपति […]

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प्रयागराज भगदड़: प्रशासनिक लापरवाही या भक्तों का उन्माद

प्रियंका सौरभ एक पौराणिक शहर की सीमाओं पर विचार करना चाहिए, जिसे अपनी धार्मिक विरासत को बनाए रखते हुए आठ करोड़ लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है। दस लोगों के लिए डिज़ाइन की गई जगह में सौ लोग कैसे रह सकते हैं? यह विचार करने के लिए एक महत्त्वपूर्ण मुद्दा है। […]

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गणतंत्र के 76 साल: हमने क्या खोया और क्या पाया

डॉ सत्यवान सौरभ स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से भारत ने अनेक क्षेत्रों में प्रगति की है। भारत ने साहित्य, खेल, कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। भारत ने अपनी विविध संस्कृति को संरक्षित करते हुए उसे गहरा अर्थ दिया है। भारत विकास में आगे बढ़ गया है। सामाजिक, राजनीतिक, […]

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