एलएस बघेल, आगराः रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की सीमा से निकलकर आगरा का मेडिकल छात्र आदित्य बघेल व उनके साथी शुक्रवार को सुबह भारत लौट आए। सुबह 11 बजे वे इंदिरागांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे। इंडिगो की इस उड़ान से लगभग ढाईसौ छात्र बुडापेस्ट से होते हुए भारत पहुंचे हैं। हवाई अड्डे पर भारतीय अधिकारियों ने उनकी अगवानी की। इन्हें लेने के लिए स्वजन वहां पहुंचे हुए थे। मेडिकल छात्र आदित्य को लेने के लिए उनके पिता धर्मेंद्र बघेल , बहन ज्योत्सना और निधि बघेल , राहुल बघेल के अलावा नजदीकी रिश्तेदार अनिल परिहार नई दिल्ली पहुंचे थे।
आदित्य के पिता धर्मेंद्र बघेल ने बताया कि बच्चे दो दिन की यात्रा के बाद यूक्रेन के आखिरी स्टेशन पर पहुंचे थे। वहां से हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट के लिए उन्हें रेलगाड़ी मिली। जिसमें भारतीय बच्चों से रेल किराए के पैसे नहीं लिए गए। बुडापेस्ट के रेलवे स्टेशन से बस उन्हें होटल लेकर गयी। बुडापेस्ट से गुरुवार की रात को ही फ्लाइट ली और शुक्रवार को सुबह नई दिल्ली पहुंचे। राष्ट्रीय स्तर के हाकी खिलाड़ी रहे व्यवसायी धर्मेंद्र बघेल ने बताया कि अब उनके स्वजनों को काफी राहत है। श्री बघेल ने कहा कि विगत एक सप्ताह से उनके परिवार के लोग काफी तनाव में थे। आज उनका बेटा हवाई अड्डे पर जब गले लगा तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से पूरा सहयोग मिला है। इंडिगो की फ्लाइट भी भारत सरकार की ओर से भेजी गयी थी। सरकार द्वारा किए गए सहयोग के लिए वे और उनका परिवार पूरी तरह खुश है। वे और उनका परिवार भारत सरकार के अलावा राज्य सरकार और जिला प्रशासन के बहुत आभारी हैं। जिनका पूरा सहयोग इस दौरान मिला। उनका बेटा सकुशल घर लौट आया है। डेनीप्रो विश्वविद्यालय यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे आदित्य के कुछ साथी तो पहले ही आ गए थे। आगे की पढ़ाई के संबंध में उनका कहना है कि जब हालात सामान्य हो जाएंगे, तब इस बारे में सोचेंगे।