पिछड़ों के असली मसीहा थे धरतीपुत्र मुलायम सिंह , श्रद्धांजलि

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Mulayam Singh Yadav Death News: Samajwadi Party patron Mulayam Singh Yadav dies at 82. (PTI)

एलएस बघेल, आगरा। धरतीपुत्र मुलायम सिंह वास्तव में पिछड़ों के मसीहा थे। उन्होंने पिछड़ों को न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि पूरे देश में आगे बढ़ने की राह दिखायी।वे पिछड़ों के साथ अतिपिछड़ों तथा दलित समुदाय को भी साथ लेकर चलते थे। जिससे कि सभी का विकास हो ।
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की याददाश्त बहुत गजब की थी। इसी कारण वे लंबा सफर तय करते हुए  एक शिक्षक से मुख्यमंत्री और रक्षामंत्री तक पहुंचे। श्री यादव से मिलने का मुझे कई बारह सौभाग्य मिला। उनके मुख्यमंत्री और रक्षामंत्री के काल में एक बार मैं अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम के कवरेज के लिये गया था। जहां मुझे नजदीक से उनसे वार्ता करने का मौका मिला। मुझे ठीक से याद है कि उस समय एएमयू में श्री यादव का जबर्दस्त स्वागत किया गया था। मैं दैनिक जागरण के रिपोर्टर की हैसियत से एएमयू पहुंचा हुआ था। इसके बाद एटा में आयोजित एक कार्यक्रम में मुझे श्री मुलायम सिंह यादव से मिलने का मौका मिला। कार्यक्रम के पश्चात हमने प्रेसवार्ता की। जिसमें काफी नजदीक से उनसे वार्ता की। मेरे एक साथी पत्रकार के सवाल पर वे नाराज भी हो गये थे। इस मामले को मैंने भी हस्तक्षेप करते हुए बमुश्किल संभाला । एक बार तो नेताजी ने मेरे साथी पत्रकार से नाम और और अखबार का नाम भी पूछ लिया था। तब हमको डर लगा। हालांकि मेरे द्वारा क्षमा याचना करने के पश्चात वे दूसरे सवालों के जवाब देने में लग गये और पिछले मामले को भूल गये। इसके अलावा मैनपुरी, सादाबाद, आगरा में कई बार उनकी जनसभा मैंने कवर की। नेताजी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी भी आगरा में हुई। जिसका मैंने दैनिक जागरण के रिपोर्टर की हैसियत से कवरेज किया। जब वे रक्षामंत्री थे तो आगरा से पत्रकारों के दल को फर्रुखाबाद ले जाना चाहते थे। उन पत्रकारों के दल में मैं भी शामिल था। लेकिन सूचना कार्यालय द्वारा देर से सूचना देने के कारण तथा हवाई अड्डे पर हम पत्रकारों के देर से पहुंचने के कारण रक्षामंत्री का हेलीकाप्टर उड़ गया था। इसके पश्चात हम लोगों ने हवाई अड्डे पर ही रक्षामंत्री के वापस लौटने का इंतजार किया था।  वार्ता के बाद ही हम लोग लौटे।  कुल मिलाकर मेरी कई बार उनसे मुलाकातें एक रिपोर्टर की हैसियत से हुई थीं। आज उनके निधन की सूचना पर मैं भी स्तब्ध रह गया। हमने एक जननेता खो दिया। जोकि दलित एवं पिछड़ों के वास्तविक हितैशी थे। पूरे प्रदेश की जनता अपने नेता को खोने के सदमे में है। ऐसे नेता कभी-कभी ही धरती पर जन्म लेते हैं। मैं श्री मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

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