एटा(आगरा)। अलीगढ़ में वाणिज्य कर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा एसआईबी द्वारा मारे गए छापे के दौरान पकड़े गए बोगस फर्में बनाकर बिलिंग कराने वाले विष्णु प्रताप का एटा और हाथरस कनेक्शन भी सामने आया है। दोनों जनपदों की मेटल और पीतल कारोबार से जुड़ीं दो दर्जन से अधिक फर्मों द्वारा बोगस फर्मों के नाम पर करोड़ों की बिलिंग की गई। जलेसर के पीतल तथा एटा शहर व हाथरस के मेटल कारोबारी वाणिज्य कर विभाग के रडार पर हैं। विष्णु द्वारा किए गए आइटीसी गबन के अभिलेखों की जांच एटा में की जा रही है, जांच में फर्मों की पोल खुल रही है।
अलीगढ़ में 28 अप्रैल को रामघाट रोड कल्याण मार्ग स्थित निरंजनपुरी में ओम ट्रेडर्स के मालिक विष्णु प्रताप के आवास पर डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य कर रविंद्र पाल सिंह कोंतेय तथा एटा के सचल दल प्रभारी पीयूष गौतम सहित डेढ़ दर्जन अधिकारियों ने छापा मारा था। इस दौरान विष्णु प्रताप द्वारा बनाई गई डेढ़ सौ से अधिक बोगस फर्मों के अभिलेख मिले जिन्हें टीम ने अपने कब्जे में कर लिया था। इन अभिलेखों की एटा के वाणिज्यकर दफ्तर में जांच की जा रही है। वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभिलेखों की जांच से पता चला है कि विष्णु ने एटा शहर और जलेसर तथा हाथरस की दो दर्जन से अधिक फर्मों को आइटीसी का लाभ देने के लिए बोगस फर्में बनाई। जलेसर के दस बड़े घंघरू घंटी उद्योग से जुड़े पीतल कारोबारी तथा एटा के आधा दर्जन मेटल कारोबारी वाणिज्य कर विभाग के निशाने पर है। हाथरस के आठ मेटल व्यापार से जुड़े कारोबारियों के बारे में फर्जी बिलिंग की जानकारी वाणिज्य कर विभाग को मिली है।
डीसी ने बताया एसआइबी द्वारा अलीगढ़ के क्वारसी थाना में मुख्य आरोपित विष्णु सहित पांच के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है तथा विष्णु गिरफ्तार हो चुका है।की जा रही छानबीन से पता चला है कि अलीगढ़ की ही फर्म जागृति मेटल, ताज एंटरप्राइजेज, स्टार एंटरप्राइजेज, साईनाथ मेटल के नाम भी इस खेल में प्रकाश में आए हैं। जिन्हें बोगस फर्मों से आइटीसी लाभ मिला। डीसी ने बताया कि अब तक पांच करोड़ के गबन का मामला सामने आ चुका है। बोगस बिलिंग करने वाली एटा जलेसर और हाथरस की फर्मों के असली मालिक कौन हैं, उनका रजिस्ट्रेशन किसके नाम है अब तक बोगस बिलिंग कितनी धनराशि की की गई यह जानकारियां जुटाई जा रहीं हैं।