आगरा का चर्चित जुआ प्रकरण: बीमार दरोगा का बयान- “चौकी प्रभारी के सामने मेरी नहीं चलती”

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आगरा: थाना एत्माद्दौला की ट्रांस यमुना कॉलोनी में जुआ प्रकरण में निलंबित हुए एसआई ने तबीयत में सुधार होने पर एसीपी के सामने बयान दिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में उनका कोई दोष नहीं है। चौकी प्रभारी के सामने उनकी नहीं चलती। इस बीच निलंबित चौकी प्रभारी योगेश कुमार के खिलाफ वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर मुकदमा लिख दिया गया है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, चौकी इंचार्ज के खिलाफ मुकदमा अमित जाट ने लिखाया है। उसने तहरीर में लिखा कि वह अपने तीन दोस्तों के साथ घर पर शराब पी रहा था। वे लोग ताश भी खेल रहे थे। दो सिपाही आए और पकड़कर चौकी ले गए। उसके बाद वसूली करके चौकी प्रभारी ने उन्हें छोड़ा। तहरीर में फड़ से लूटी रकम का जिक्र नहीं है।

वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस मामले में चौकी इंचार्ज योगेश के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए। इसके बाद से चौकी इंचार्ज फरार है। मामले में चौकी इंचार्ज समेत चार पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था। निलंबित एसआई आशीष पुंडीर की अचानक तबियत बिगड़ जाने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

एसीपी छत्ता हेमंत कुमार इस मामले कर जांच कर रहे हैं। उन्होंने आरोपी पुलिसकर्मियों के बयान लिए। सिपाहियों ने कहा कि उनका काम सिर्फ पकड़ने तक सीमित था। आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी यह तय करने का काम चौकी इंचार्ज का था। चौकी इंचार्ज और आरोपियों के बीच में ही कोई बातचीत हुई थी।

दरोगा आशीष पुंडीर ने कहा कि वह चौकी का प्रभारी नहीं है। चौकी प्रभारी के सामने उसकी नहीं चलती। वह किसी अधिकारी से शिकायत करता तो भी उसके खिलाफ कार्रवाई होती। इसलिए वह चुप रहा। उसका इस मामले से कोई मतलब नहीं है।

गौरतलब है कि शनिवार को ट्रांस यमुना कालोनी फेस-1 में पुलिस ने अमित जाट के घर पर छापा मारा था। वहां पर जुआ होते मिला था। पुलिस आरोपियों को ट्रांस यमुना चौकी ले आई थी। आरोप हैं कि पुलिस ने उन्हें बाद में रुपये लेकर छोड़ दिया था। जुए की फड़ पर मिली रकम भी रख ली थी। इस मामले में चौकी इंचार्ज योगेश समेत चार पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था।




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