आगरा। घनी आबादी वाले नरीपुरा इलाके में बने अस्पताल में बुधवार को सुबह तड़के आग लग गई। अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजाें को गंभीर हालत में बाहर निकालकर दूसरे अस्पताल में भेजा गया है। मौके पर फायर ब्रिगेड और पुलिस की गाड़ियां हैं। अस्पताल संचालक डॉ. राजन और उनकी बेटी व बेटे ऋषि की इस हादसे में मौत हो गयी है। जबकि एक बेटे और पत्नी की हालत गंभीर है। थाना शाहगंज क्षेत्र में जगनेर रोड स्थित आर मधुराज हास्पिटल में बुधवार सुबह अचानक आग लग गई। हास्पिटल में भर्ती तीन मरीज, उनके तीमारदार और स्टाफ अंदर फंस गया।स्थानीय लेागों ने किसी तरह आग पर काबू पाया। तब तक धुंआ पूरे हास्पिटल में भर गया। करीब एक घंटे बाद दमकलकर्मियों ने तीन मरीजों समेत चार लोगों को गंभीर हालत में हास्पिटल से बाहर निकाला। जगनेर रोड पर स्थित आर मधुराज हास्पिटल के संचालक डा. राजन और भवन स्वामी गोपीचंद हैं। इसमें भूमिगत तल में जनरल वार्ड, भूतल पर जनरल और प्राइवेट वार्ड है। जबकि दूसरी मंजिल पर गोपीचंद और डा. राजन का परिवार रहता है। सुबह करीब पांच बजे अचानक प्रथम तल पर हास्पिटल में आग लग गई। आग लगने के बाद पूरे हास्पिटल में धुंआ भर गया।
हादसे के वक्त सात मरीज थे भर्ती
आग लगने के समय पर सात मरीज भर्ती थे और पांच स्टाफ के लोग थे। आग लगते ही आसपास के लोग वहां पहुंच गए। पानी डालकर आग बुझाने प्रयास शुरू कर दिए। अंदर धुंआ भर जाने के कारण लोग मरीजों को बाहर नहीं निकाल सके थे। पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। करीब 40 मिनट बाद दमकलकर्मी वहां पहुंच गए। इसके बाद मरीजों को बाहर निकाला जा सका। इंस्पेक्टर शाहगंज जसवीर सिंह सिरोही ने बताया कि चार लोगों को गंभीर हालत में हास्पिटल से निकालकर निजी हास्पिटल में भर्ती कराया गया है।आर मधुराज हास्पिटल में दूसरी मंजिल पर एक कमरे में रखे फोम के गद्दों में आग लगी थी। उस तल पर हास्पिटल संचालक डा राजन, उनके पिता गोपीचंद, पत्नी मधुराज, बेटी शालू, बेटे लवी और ऋषि के साथ ही रिश्तेदार तेजवीर थे। गोपीचंद और लवी सुबह पांच बजे उठे तो उन्होंने गद्दों वाले कमरे में आग लगी देखी। उन्होंने गद्दाें को बाहर निकालने की कोशिश की। तब तक आग से धुंआ अंदर की ओर पहुंच गया। इस बीच आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है।