आगरा में ‘एक्टिवा समझौता’: नई स्कूटी के वादे पर सुलह, छह महीने बाद रूठी पत्नी लौटी ससुराल

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आगरा। रिश्तों की दुनिया में कभी-कभी एक छोटी-सी इच्छा भी बड़ा विवाद खड़ा कर देती है, लेकिन आगरा में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने साबित कर दिया कि प्यार और मनुहार से हर रिश्ता फिर से जुड़ सकता है। कागारौल क्षेत्र में पति-पत्नी के बीच महीनों से चल रही नाराज़गी एक नई एक्टिवा के वादे पर खत्म हो गई। छह महीने से मायके में रह रही पत्नी आखिरकार मुस्कुराते हुए ससुराल लौट आई।

मामला झांसी निवासी युवक और उसकी पत्नी का है, जो शादी के बाद आगरा में रहकर नौकरी करते थे। 2022 में शादी के बाद उनका जीवन सामान्य रूप से चल रहा था। एक बेटे के जन्म के बाद पत्नी ने नौकरी छोड़ दी, लेकिन 2024 में उसने फिर से ऑफिस जॉइन कर लिया।

पत्नी के अनुसार, रोजाना ऑफिस आने-जाने के लिए उसे ऑटो और बस से सफर करना पड़ता था, जिससे परेशानी होती थी। उसने पति से कहा कि अगर एक एक्टिवा मिल जाए तो सफर आसान हो जाएगा। पति ने वादा तो किया, लेकिन महीनों तक स्कूटी नहीं खरीदी गई। बात बढ़ती गई और झगड़े शुरू हो गए। आखिरकार, मार्च 2025 में नाराज़ पत्नी अपने बेटे को लेकर मायके चली गई। उसने साफ कह दिया — “जब तक स्कूटी नहीं, तब तक ससुराल नहीं।”

रिश्ते की दरार बढ़ती देख मामला थाने पहुंचा और पुलिस ने दोनों को परिवार परामर्श केंद्र भेजा। शनिवार को काउंसलिंग में दोनों आमने-सामने बैठे। पत्नी ने पुराने गिले-शिकवे सुनाए, तो पति ने गलती मानते हुए कहा, “अबकी बार सच में नई एक्टिवा दिलाऊंगा।”

यह सुनते ही पत्नी का गुस्सा पिघल गया। मुस्कुराकर उसने कहा, “ठीक है, अब घर चलते हैं।” दोनों ने एक-दूसरे को माफ किया और साथ रहने का निर्णय लिया।

काउंसलर के अनुसार, “कभी-कभी रिश्तों में बातचीत ही सबसे बड़ा समाधान होती है। इस मामले में स्कूटी नहीं, बल्कि आपसी समझ ने रिश्ते को फिर से जोड़ा।”

अब जब पति नई एक्टिवा खरीदने जा रहा है, तो यह “एक्टिवा समझौता” पूरे आगरा में चर्चा का विषय बना हुआ है — एक छोटी-सी स्कूटी ने बिखरता घर फिर से बसा दिया।

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