Agra News: दो माह बाद अपनों से मिलकर रोई कोटा बेची गई किशोरी, 3.70 लाख में मानव तस्करों ने था बेचा

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आगरा: कोटा बेची किशोरी को 62 दिन बाद आखिरकार आगरा पुलिस ले आई। मां बाप से लिपटकर रो रोकर दास्तां बताई। शुक्रवार को मेडिकल कराया गया। शनिवार को कोर्ट में बयान दर्ज कराकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा।

दलाल बनी सौदागर

जगदीशपुरा थाने की 15 वर्षीय किशोरी को एक महिला जाॅब दिलाने के बहाने गुरुद्वारा के पास एक होटल में ले गई। उम्र संबंधी फर्जी दस्तावेज तैयार करके चार लोगों को 3.70 लाख रुपए में बेच दिया। कोटा में उससे घरेलू काम कराया गया। शारीरिक शोषण किया गया। लगातार शोषण से तंग आकर किशोरी मौका पाकर छत से कूदकर भाग निकली और कैतुन थाना जा पहुंची। पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया लेकिन बाद में छोड़ दिया। किशोरी को बालिका गृह में निरुद्ध करा दिया।

आगरा कोटा के बीच फुटबॉल बने परिजन

परिजनों ने थाना जगदीशपुरा में मुकदमा दर्ज करा दिया। 14 फरवरी को कोटा बाल कल्याण समिति द्वारा परिजनों को सूचना दी गई जिस पर पुलिस के साथ परिजन कोटा पहुंचे। कहां गया कि मुकदमा दर्ज होने के बाद किशोरी सुपुर्द की जाएगी। परिजन लौट आए। उन्होंने चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस से मदद मांगी। वह परिजनों को लेकर कोटा पहुंचे। बाल कल्याण समिति, पुलिस और न्यायालय में किशोरी का पक्ष रखा। उन्होंने मुकदमा दर्ज कराने के बाद किशोरी को आगरा भिजवाने को कहा लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं कराया। लगातार पैरवी के बाद कोटा बाल कल्याण समिति ने आगरा पुलिस को कोटा बुलाकर पुलिस के सुपुर्द कर दिया।

दो माह की हिरासत पर उठे सवाल

बाल कल्याण समिति कोटा ने बिना मुकदमा दर्ज कराए किशोरी को आगरा पुलिस के सुपुर्द कर दिया। नरेश पारस ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब बिना मुकदमा दर्ज कराए किशोरी को सुपुर्द करना था तो14 फरवरी को क्यों नहीं किया ? जिसके चलते किशोरी अपने परिजनों से दूर रही। हालांकि बाल कल्याण समिति का कहना है कि मुकदमा दर्ज करने के लिए कोटा पुलिस और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पत्र लिखा गया था लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हो सका। अंत में आगरा पुलिस को किशोरी सुपुर्द कर दी गई।

मजबूत है मानव तस्करों का नेटवर्क

नरेश पारस ने कहा कि मानव तस्करों का नेटवर्क बहुत मजबूत है। वह आगरा से बड़ी संख्या में लड़कियों की खरीद फरोख्त करके राजस्थान में बेच देते हैं। इनका भंडाफोड़ होना बहुत जरूरी है। ऐसे मानव तस्करों को सलाखों के पीछे भेजना चाहिए। पूर्व में भी इस प्रकार के मामले सामने आ चुके हैं।




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