आगरा,12 फरवरी। जी-20 प्रतिनिधिमण्डल सदस्यों के द्वितीय दिन का शुभारम्भ आयुष मंत्रालय ट्रेनरों द्वारा मेहमानों के साथ योग कराने के साथ हुआ। सत्र नियत समय पर प्रारम्भ हुआ। आज के सत्र में विशेष अभिभाषण डा. मुन्जपारा महेन्द्रभाई, केन्द्रीय मंत्री आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिया गया। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, जरूरत, काम, आधारभूत संरचना, शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेक्टर पर ध्यान देते हुए सभी प्रकार के महिलाओं के प्रति भेद-भाव हिंसा पर हमें अंकुश लगाना होगा। उन्होंने आगे कहा कि हमें सरकार द्वारा जारी किये गये महिलाओं के प्रति दिशा-निर्देशों पर सिविल सोसाइटी को काम करने की जरूरत है, जिससे कि महिलाओं का विकास तथा उनके समक्ष आ रही विभिन्न समस्याओं पर ध्यान देना होगा, जिससे कि हम उनकी मांगो, जरूरतों तथा उनके सशक्तिकरण पर बल दे सकें, ताकि हमें एक समृद्ध व विकसित समाज का निर्माण कर सकें।
महिलाओं के सशक्तिकरण पर अपनी बात रखते हुए सरकार की विभिन्न महिला केन्द्रित अम्ब्रेला योजनाओं यथा- मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य व मिशन पोषण का जिक्र करते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, उनके स्वास्थ्य एवं बालिकाओं की रक्षा, सशक्तिकरण को हम एक छत के अन्तर्गत लाये हैं। उन्होंने केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चलायी गयी डिजिटल इण्डिया के सन्दर्भ पर बोलते हुए कहा कि डिजिटल साक्षरता में भारत के प्रत्येक परिवार का लगभग एक प्रतिशत् योगदान है। प्रधानमंत्री ग्रामीण साक्षरता पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि लगभग 60 मिलियन लोग डिजिटल साक्षर हुए हैं, उन्होंने बताया कि सरकार की विकास, आधारभूत संरचना तथा शिक्षा के अन्तर्गत लगभग 10 लाख लोगों को रोजगार प्रदान किया गया है, जिसमें लगभग 03 लाख महिलाओं की भागीदारी है, जो महिलाओं के भारत में सशक्तिकरण तथा उनकी आर्थिक गतिविधिओं में भागीदारी को दर्शाता है। उन्होंने भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए कहा कि उसे महिला केन्द्रित बनाया गया है, जिसके द्वारा लिंगानुपात में सुधार के साथ महिलाओं के सकल नामांकन अनुपात में भी वृद्धि हुई है। उन्होंने वर्तमान समय की बात करते हुए बताया कि वूमन एन्टरप्रेन्योरशिप सेन्टर रिपोर्ट, जो कि 43 देशों में सर्वे द्वारा प्रकाशित है, में 03 में से 01 एन्टरप्रेन्योर महिला हैं, जो महिलाओं के वैश्विक विकास को दर्शाता है। अन्त में उन्होंने कहा कि हमें महिलाओं की सुरक्षा, विकास तथा स्वस्थ्य आदि सभी मानदंडों को लेते हुए महिला सशक्तिकरण की दिशा की ओर जाना है एवं उनके प्रति समाज में फैले भेद-भाव को कम करना है, यह सभी कार्य हमें अपने-अपने घरों से प्रारम्भ कर राष्ट्रीय अभियान के रूप में परिणत करना है। उन्होंने महिला सशक्तिकरण के लिये जी-20 देशों के प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों से भी सलाह व सुझाव आमंत्रित किये।
धन्यवाद प्रस्ताव, संबोधन, डा0 संगीता रेड्डी, चेयर, जी-20 इंपावर, ने दिया तथा सभी मेहमानों का हृदय से आभार, अभिनंदन प्रकट किया और कहा कि भारत को जी-20 समूह की अध्यक्षता को हमें एक अवसर के रूप में लेना चाहिए, ऐसा भविष्य बनाने के लिये जहां हमारे बच्चे व उनके बच्चों को समानता व तीक्ष्णता बराबर से मिल सकेगी। उन्होंने जी-20 समूह को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह तो बस शुभारम्भ है, जी-20 समूह के साथ आगे बढ़ने, सीखने, समझने की समझ मिलेगी, जिससे कि एक खुशहाल व समृद्धशाली भविष्य बनाया जा सके। उन्होंने एलवर्ट आइन्स्टीन को उदृत करते हुए कहा कि “इंसान की सबसे बड़ी समझदारी, बदलाव करके उसे धारण करने में है“। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि हमारे समाज की उच्चतम बुद्धिमता है कि महिलायें अभी बराबर नहीं हैं पर आगे हो जायेंगी, जिसके लिये हमें जो भी जरूरी कदम हों, उनको उठाना चाहिए। उन्होंने वर्ल्ड इकोनामिक फॉरम की रिपोर्ट के सन्दर्भ से बताया कि महिलाओं को पुरूषों के बराबर दर्जा प्राप्त करने में 130 साल लग जायेंगे। उन्होंने आहवान करते हुए कहा कि इस तात्कालिकता को देखते हुए सभी अपने स्तर से जितनी उर्जा, जूनून, शक्ति लगा सकें, इस पर लगाना चाहिए और उन्होंने कहा कि महिलायें समाज में बराबरी का दर्जा पाकर रहेंगी। उन्होंने अपने अन्तिम कथन में कहा कि जो हम संचय करते हैं, हम वो नहीं बनते, बल्कि जो हम बांटते हैं, हम वो बनते हैं।
प्रथम सत्र का विचार बिंदु “आर्ट, कल्चर एण्ड अ बेटर वर्ल्ड“ पर आयोजित हुआ, जिसका संचालन श्रीमती अवंतिका डालमिया जी, चेयरपर्सन, अवनी फाउंडेशन द्वारा किया गया, इस सत्र में डा0 संध्या परेचा, चेयर, डब्ल्यू-20 व चेयरपर्सन, संगीत नाटक अकादमी, श्रीमती रेनू मोदी, डायरेक्टर, गैलरी एस्केप, नई दिल्ली, रसिका रेड्डी, आर्टिस्ट, यू0एस0ए0, शरॉन लोवेन, ओडिसी नृत्यांगना, पुनीत कौशिक, कलाकार, नई दिल्ली ने सम्बोधित करते हुए, महिला सशक्तिकरण, रोजगार, महिलाओं की डिजिटल साक्षरता इत्यादि पर विचार व्यक्त किए। सत्र के अन्तराल में जी-20 मेहमानों के समक्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत ब्रज के रास की मनमोहक प्रस्तुति कलाकारों द्वारा दी गयी, जिसमें कलाकारों ने भारतीय परम्परा, प्रेरणा की पराकाष्ठा को प्रदर्शित करते हुए अपनी प्रस्तुति दी। जी-20 मेहमान कलाकारों की कला को अपलक निहारते रहे तथा वे कौतूहल से परम्परा व आधुनिकता के अदभुत मिश्रण, लोक नृत्य को देख के अभिभूत हुए।
सत्र समाप्ति के बाद जी-20 प्रतिनिधिमण्डल विश्वदाय स्मारक ताजमहल को देखने पहुंचा, जहां उन्होंने ताजमहल की सुंदरता, पच्चीकारी, ताजमहल के इतिहास, निर्माण सामग्री, स्थापत्य की बारीकी से जानकारी ली। जी-20 प्रतिनिधिमण्डल के सदस्य ताजमहल देखकर मंत्रमुग्ध, उत्सुकता, कौतूहल, आश्चर्यचकित होकर निहारते रहे व ताज की एक-एक विशेषता से रूबरू होते रहे और ताज से जुड़ी हर कहानी, किंबदंती को जानने, समझने की कोशिश करते रहे। अपनी अद्वितीय धरोहरों को सहेजे, समेटे भारत जी 20 मेहमानों के लिए विस्मय का विषय बना रहा और वह अद्वितीय, अभिभूत, आश्चर्य, अदभुत प्रेम की मिसाल ताजमहल को अपने साथियों के साथ निहार कर उन्होंने सम्पूर्ण ताज परिसर का भ्रमण किया। तत्पश्चात् प्रतिनिधिमण्डल शिल्पग्राम पहुंचा, जहां मेहमानों के लिए स्थानीय उत्पादों की विभिन्न स्टॉल लगी थीं व उनके लिये राजस्थानी लोक गीत की प्रस्तुति व कठपुतली नृत्य के प्रदर्शन की व्यवस्था थी। प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों ने कलाकारों के साथ कदम ताल मिलाते हुए कलाकारों का भरपूर उत्साह वर्धन किया व उनकी प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध नजर आये।