आगरा।जब देश व प्रदेश का राजस्व आशातीत से भी अधिक प्राप्त हो रहा है तो इस प्रकार के छापों से व्यापारियों को भयभीत क्यों किया जा रहा है। जो प्रदेश सरकार की मंशा के विरुद्ध है । भारतीय जनता पार्टी की सरकार व्यापारियों की सरकार मानी जाती है, लेकिन जिस तरह से जीएसटी अधिकारियों द्वारा छापे डालने की कार्यवाही की जा रही है, उससे व्यापारी पूरी तरह से भयभीत हैं। वह खुले मन से व्यापार नहीं कर पा रहे हैं।
आर्थिक मंदी के दौर में व्यापारी जिस संकटकालीन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं ,ऐसी स्थिति में छापेमारी उनके लिए एक मुसीबत बन गई है। व्यापारियों को इस तरह की ताबड़तोड़ छापेमारी पर आश्चर्य हो रहा है । आगरा शू फैकटरस फैडरेशन के अध्यक्ष गागन दास रामानी का कहना है कि जो व्यापारी सरकार द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले साफ्टवेयर की जद में आ रहे हैं उनको नोटिस देकर उनका उत्तर प्राप्त होने पर अगर संतोषजनक जवाब नहीं है तभी कार्यवाही की जाने चाहिए। जिस तरह से छापेमारी की जा रही है उससे व्यापारी अकारण दहशत में होकर भयभीत हो रहा है। एक ओर जहां व्यापारियों का उत्पीड़न हो रहा है ,वहीं दूसरी तरफ प्रदेश सरकार की बदनामी हो रही है। इसलिए इसे तत्काल रोका जाना चाहिए। यह व्यापारियों एवं सरकार के हित में होगा। छापे के डर से व्यापारी अपनी दुकानें बंद करके अपना व्यापार चौपट कर रहे हैं इससे प्रदेश सरकार की मंशा के विपरीत आम जनों में गलत संदेश जा रहा है।