भगवान बाहुबली स्वर्ण जयन्ती महोत्सव पर 1008 कलशों से हुआ महामस्ताभिषेक, दर्शन को उमड़े हजारों श्रद्धालु, भगवान बाहुबली के जयकारों से गूंजा मंदिर परिसर
आगरा। 936 वर्ष प्राचीन मंदिर आज पुष्पों की सुगंध और जगमग रोशनी से सुसज्जित था। हजारों श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति के साथ हर तरफ श्रद्धाभाव बिखरा नजर आ रहा था। भगवान बाहुबली की प्रतिमा पर जलाभिषेक के लिए हर भक्त ललायित था। कुछ ऐसा ही नजारा था आज मोती कटरा स्थित 936 वर्ष प्राचीन एवं अतिशयकारी जिनालय में। जहां विराजित भगवान बाहुबली की प्रतिमा का स्वर्ण जयन्ती महोत्सव (महामस्ताभिषेक) उत्साह व उमंग के साथ मनाया गया। विभिन्न शहरों से पधारे श्रद्धालुओं द्वारा भगवान बाहुबली की 1008 कलशों से जलाभिषेक किया गया।
श्री अग्रवाल दिगम्बर जैन समिति मोती कटरा द्वारा आयोजित स्वर्ण जयन्ति महोत्सव में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद नवीन जैन ने मेडिटेशन गुरु उपाध्याय श्रीविहसन्त सागर मुनिराज व मुनिश्री विश्वसाम्य सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में मुख्य शांति धारा के साथ महामस्ताभिषेक का शुभारम्भ किया।
आयोजक समिति के अध्यक्ष राकेश जैन पर्देवालों ने सभी विभिन्न शहरों से आए सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया। इसके उपरान्त केसरिया वस्त्र धारण किए भक्तों ने बारी-बारी भगवान बाहुबली का महामस्तकाभिषेक किया।आसमान में उड़ते हेलीकॉप्टर से जब मंदिर परिसर में एक कुंतल पुष्पों की वर्षा हुई तो हर तरफ भगवान बाहुबली के जयकारे गूंजने लगा। हेलीकॉप्टर में बैठे प्रद्युम्न, रोहित अहिंसा व मिलिन्द ने 10 से अधिक राउंड लगाते हुए मंदिर परिसर में पुष्प वर्षा की।
इस अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा भक्तिमय सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। स्वागत अध्यक्ष निर्मल मोठ्या हीरालाल बैनाड़ा थे ।
संचालन मुख्य संयोजक मनोज जैन बाकलीवाल ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से ज्ञानचंद जैन, प्रदीप जैन, अभिनंदन जैन पीएनसी पवन जैन, जगदीशप्रसाद जैन सुनील जैन ठेकेदार, विष्णु कुमार जैन, हीरालाल बैनाड़ा, विमल मारसन्स, भोलानाथ सिंघई, पंकज जैन, नीरज जैन, विजय जैन, मनोज जैन, संजय जैन, वीरेन्द्र जैन, महेन्द्र जैन, मुन्नालाल, रविन्द्र जैन, मीडिया प्रभारी शुभम जैन आदि उपस्थित थे।
पुष्पों और सतरंगी रोशनी से सजा मंदिर :
937 वर्ष प्राचीन मंदिर में भगवान बाहुबली की प्रतिमा के 50वें स्थापना दिवस (स्वर्ण जयन्ती) के अवसर पर मंदिर परिसर को सतरंगी पुष्पों व झिलमिल रोशनी से सजाया गया। प्रातः 8 बजे से संध्या काल तक भगवान बाहुबली के दर्शन को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रही।