आगरा। इस बार दीपावली का त्योहार अमावस्या के बजाए चौदस को मनाया जाएगा। ऐसा दीपावली और गोवर्धन पूजा के बीच में कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या वाले दिन 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण पड़ने की वजह से होगा। ऐसे में अन्नकूट गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को करना श्रेष्ठ माना जाएगा। जबकि 27 अक्तूबर को भाई दूज का त्योहार मनाया जाएगा। 25 अक्टूबर को दोपहर 2:29 बजे से सूर्य ग्रहण होगा। इसकी समाप्ति शाम 6:32 बजे पर होगी। ग्रहण का प्रारंभ शाम 4:32 बजे से होगा, जबकि समाप्ति 6:27 बजे पर होगी। सूर्यग्रहण वाले दिन प्रात: 4:31 बजे से ही सूतक पातक दोष की शुरुआत हो जाएगी।सूतक के दौरान भोजन बनाना और उसे ग्रहण करना निषेध माना जाता है। इसमें आसक्त रोग ग्रस्त, असमर्थ बालक आदि को प्रतिबंधित नहीं किया गया है। ग्रहण काल में अन्नकूट गोवर्धन पूजा निषेध रहेगी, क्योंकि सूतक काल या ग्रहण काल में ठाकुर जी के लिए पकवान नहीं बनेंगे और न भोग लगाया जा सकता है। इस अवधि में सभी देवालयों के पट बंद रहेंगे। इस दिन ग्रहण पढ़ते ही सूर्य देव अस्त होते जाएंगे। अगले दिन 26 अक्टूबर को सूर्य दर्शन उपरांत स्नान, दान आदि के पश्चात सूतक की निवृत्ति होगी।दीपावली के अगले दिन 25 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा के समय प्रतिपदा तिथि का अभाव है। इसलिए गोवर्धन पूजा 26 को और भाई दौज 27 को मनाना श्रेष्ठ होगा। 23 को धनतेरस और रूपचौदस मनेगी, 24 को शाम 5:27 बजे से अमावस्या शुरू होगी।मेष, मिथुन, कन्या, कुंभ राशि वालों के लिए ग्रहण का प्रभाव सामान्य रहेगा, नुकसान की संभावना कम रहेगी। वृष, सिंह, धनु और मकर राशियों के लिए यह ग्रहण या ग्रहण के उपरांत छह माह तक शुभ कार्यों की उम्मीद की जा सकती है। कर्क, तुला, वृश्चिक और मीन राशि के लिए इस ग्रहण का प्रभाव खतरनाक साबित हो सकता है।