
नगर निगम के तमाम अनुरोध के बाद भी वन विभाग बंदरों को छोड़ने के लिए क्षेत्र चिन्हित नहीं कर रहा
आगरा । ताजमहल और उसके आसपास के क्षेत्रों में बढ़ती बंदर समस्या पर नियंत्रण पाने के प्रयासों में अब वन विभाग की उदासीनता बड़ी बाधा बनती जा रही है। नगर निगम आगरा के प्रयासों के बावजूद वन विभाग के सहयोग की कमी के कारण समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल पा रहा है। बंदर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के शेड्यूल 04 के अपेंडिक्स 02 में संरक्षित है उपरोक्त अधिनियम के अनुसार बंदर पर कार्यवाही वन विभाग द्वारा की जानी है। लेकिन न वन विभाग द्वारा बंदरों को पकड़ने की कार्रवाई की जा रही है और न ही नगर निगम के बार बार अनुरोध के बाबजूद बंदर को छोड़ने के लिए वन्य क्षेत्र चिन्हित किए जा रहे हैं ।
नगर निगम की टीम रविवार को भी ताजमहल के आसपास से 35 बंदरों को पकड़कर सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जबकि एएसआई ने ताजमहल परिसर के अंदर विशेष कर्मियों को तैनात किया है जो लगातार बंदरों को भगाने का कार्य कर रहे हैं।
नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल के निर्देश पर बंदर पकड़ने का अभियान आगामी दिनों में भी जारी रहेगा। इस संबंध में पशु कल्याण अधिकारी डॉक्टर अजय कुमार सिंह का कहना है कि वन विभाग की सक्रिय भागीदारी के बिना इस समस्या का स्थायी समाधान संभव नहीं है, क्योंकि पकड़े गए बंदरों को सुरक्षित वन क्षेत्रों में छोड़ने के लिए वन विभाग की अनुमति और सहायता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ताजमहल के आसपास के क्षेत्र में इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए सभी विभागों को संयुक्त प्रयास करने होंगे।
