कासगंज (आगरा)। ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा पर मंगलवार को गंगाघाटों पर पहुंचकर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। जरुरतमंदों को दान दिया और ब्राह्मणों को भोज कराया। चंद्र दोष को दूर करने के लिए वृत पर पूजन किया। गंगाघाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही। घाट हर-हर गंगे के स्वर से गूंजते रहे।ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान एवं दान धर्म करने से पापाें का नाश होता है। व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण होती है। वृत और पूजन करने चंद्र दोष दूर होता है। इसी मान्यता के चलते सुबह से ही गंगाघाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही। राजस्थान और मध्य प्रदेश के श्रद्धालु सोमवार से ही तीर्थ नगरी सोरों की हरिपदी गंगा पर पहुंच गए थे। सूर्य उदय से पहले ही श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया। गंगा मईया का पूजन कर पितरों की मुक्ति की प्रार्थना की। लहरा गंगाघाट, कादरगंज गंगाघाट एवं कछला गंगा नदी के घाट पर स्नान कर श्रद्धालुओं ने पूजन अर्चन किया। गंगा मईया का दुग्धाभिषेक कर चूनर ओढाई। लहरा और कछला गंगा घाट पर कुष्ठ आश्रम पर पहुंचकर श्रद्धालुओं ने कुष्ठ रोगियों को अन्न, वस्त्र, धन दान देकर पुण्य लाभ कमाया। गंगा घाटों पर गंगा मईया की जय और हर-हर गंगे के स्वर गुंजायमान रहे।
भगवान शंकर, विष्णु की पूजा कर रखा वृत
घरों में श्रद्धालुओं ने भगवान शंकर और भगवान विष्णु की पूजा की। शिवालयों में पहुंचकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया। तमाम श्रद्धालुओं ने पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाया। लोगों ने चंद्र दोष को दूर करने के लिए उपवास रखा। शाम को चंद्रदेव को दूध अघ्र्य दिया गया। मंदिरों में भी धार्मिक कार्यकम हुए।