दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने चीन में अपने कर्मचारियों को दूसरे देशों में शिफ्ट होने को कहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी ने कंपनी ने चीन में क्लाउड कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऑपरेशन में लगे करीब 700 से 800 लोगों को विदेशों में रिलोकेट होने पर विचार करने को कहा है। चीन में कंपनी के ज्यादातर स्टाफ में ज्यादातर स्थानीय इंजीनियर हैं। कंपनी ने इन लोगों को अमेरिका, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में ट्रांसफर का विकल्प दिया है।
अमेरिका और चीन के संबंधों में जारी तनाव के कारण माइक्रोसॉफ्ट ने यह कदम उठाया है। बाइडन सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बैटरी, कंप्यूटर चिप्स और मेडिकल प्रॉडक्ट्स समेत चीन
के कई तरह के सामान पर नकेल कसी है। माइक्रोसॉफ्ट के प्रवक्ता ने बताया कि अपने कर्मचारियों को इस तरह का अवसर देना कंपनी के ग्लोबल बिजनस का हिस्सा है। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि कंपनी ने अपने कर्मचारियों विदेशों में रिलोकेट होने का विकल्प दिया है। इस महीने की शुरुआत में खबर आई थी कि अमेरिका का वाणिज्य विभाग प्रोप्राइटरी या क्लोज्ड सोर्स एआई मॉडल के निर्यात को प्रतिबंधित करने के लिए नए नियमों पर विचार कर रहा है। हालांकि कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि माइक्रोसॉफ्ट इस क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध है और चीन में काम करना जारी रखेगी। माइक्रोसॉफ्ट मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। इसका मार्केट कैप 3.144 ट्रिलियन डॉलर है।
कितने दूर, कितने पास
दुनिया की दो सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देशों अमेरिका और अमेरिका के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा है। लेकिन पिछले साल फरवरी में हुई एक घटना ने दोनों देशों को बहुत दूर कर दिया है। चीन का एक गुब्बारा अमेरिका के ऊपर मंडरा रहा था। अमेरिका ने चीन पर उसकी जासूसी करने का आरोप लगाया था। हालांकि चीन का कहना था कि यह मौसम की थाह लेने वाला गुब्बारा था जो उड़कर अमेरिका पहुंच गया था। मगर अमेरिका ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए चीन की कई कंपनियों पर पाबंदी लगा दी। इस घटना के बाद से ही चीन के बुरे दिन शुरू हो गए थे। देश की इकॉनमी कई मोर्चों पर संघर्ष कर रही है।
-एजेंसी