कृष्णा भूमि आर्केड ने श्री बिहार पंचमी पंचवटी महोत्सव द्वारा महा प्लांटेशन ड्राइव 2025’ की घोषणा की

Press Release

वृन्दावन (उत्तर प्रदेश) [भारत], 21 नवम्बर: इन्फिनिटी ग्रुप की पहल कृष्णा भूमि आर्केड ने उत्तर प्रदेश के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग तथा ब्रज तीर्थ विकास परिषद (BTVP) के साथ मिलकर आगामी श्री बिहार पंचमी पंचवटी महोत्सव (25 नवंबर 2025) की घोषणा हेतु आज वृंदावन स्थित ऐतिहासिक वैष्णव बैठक स्थल पर कार्यक्रम पूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की।

ब्रिफिंग को श्री मदन दुबे, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद; श्री वेंकट श्रीकर पटेल, प्रभागीय वन अधिकारी, मथुरा तथा श्री रवी शंकर, मुख्य विपणन अधिकारी, कृष्णा भूमि आर्केड ने संबोधित किया।

  • परिक्रमा मार्ग और यमुना तट के बीच कुंभ-पूर्व वैष्णव बैठक स्थल पर 140 एकड़ में पारिस्थितिक पुनर्स्थापन पहल
  • ब्रज के 108 श्री महंत, महंत एवं संत मिलकर 108 पवित्र पंचवटी वृक्ष लगाएंगे, जिससे प्राचीन वृंदावन की पारिस्थितिकी को पुनर्जीवित करने का संकल्प साकार होगा।
  • सेवा-आधारित विकास मॉडल के माध्यम से वृंदावन की आध्यात्मिक विरासत का संरक्षण
  • ₹30,000 करोड़ के एकीकृत सांस्कृतिक एवं पारिस्थितिक मास्टर प्लान के अनुरूप पहल
  • अगले 5 वर्षों में 2.45 करोड़ से बढ़कर 6 करोड़ तक पहुंचने वाले श्रद्धालु आगमन को ध्यान में रखते हुए तीर्थ अनुभव को सुदृढ़ बनाएगी

प्रेस कॉन्फ़्रेंस को संबोधित करते हुए श्री रवी शंकर ने कहा कि कुंभ-पूर्व वैष्णव बैठक स्थल में हरितिमा संवर्धन एवं विकास के लिए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद एवं नगर निगम के साथ त्रिपक्षीय अनुबंध के माध्यम से लगभग पिछले दो वर्षों से कार्य किया जा रहा है। पिछले वर्षा ऋतु में बाढ़ एवं जलभराव के कारण वृक्षों तथा लताओं को विशेष क्षति पहुँची थी। हरितिमा संवर्धन के संकल्प को गति देने के उद्देश्य से श्री बिहारी पंचमी पंचवटी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

उन्होंने यह भी बताया कि छटीकरा  रोड के मुख्य मार्ग की हरित पट्टी के संवर्धन एवं रख-रखाव का कार्य भी कृष्णभूमि द्वारा किया जा रहा है।

श्री रवी शंकर ने स्पष्ट कहा कि इन्फिनिटी ग्रुप अपने मूल संकल्प में सतत् (सस्टेनेबल) विकास के लिए प्रतिबद्ध है और पिछले तीन दशकों से इस दिशा में निरंतर कार्यरत है। अमेरिका के बाहर दूसरी प्लैटिनम रेटेड ग्रीन बिल्डिंग तथा विश्व की सातवीं ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण समूह ने ढाई दशक पहले कोलकाता में किया था। इसके बाद समूह द्वारा विकसित सभी परियोजनाएँ ग्रीन सर्टिफाइड हैं।

इसी क्रम में, श्री वृंदावन धाम में देश का पहला धार्मिक एवं सांस्कृतिक समागम मॉल—“कृष्णा भूमि आर्केड”, समूह द्वारा विकसित किया जा रहा है, जो कि प्री-सर्टिफाइड गोल्ड रेटेड ग्रीन बिल्डिंग है। “श्री बिहारी पंचमी पंचवटी महोत्सव” के केंद्र में वृंदावन धाम की पवित्र भूमि का विकास और संरक्षण सेवा के माध्यम से है। पंचवटी वृक्षारोपण के जरिए हमारा उद्देश्य वृंदावन की पवित्र पारिस्थितिकी को पुनर्जीवित करना, यमुना तट को सुदृढ़ करना और उस सांस्कृतिक परिदृश्य को सुरक्षित रखना है जिसने सदियों से भक्ति को आकार दिया है।

हमारा सिद्धांत स्पष्ट है, ‘धाम में जो भी बने, वह धाम की सेवा करे।’ आने वाले वर्षों में तीर्थ और पर्यटन में तीव्र वृद्धि को देखते हुए यह हरित पहल पर्यावरणीय संतुलन, स्थानीय कारीगरों का सशक्तिकरण, तीर्थ अनुभव में समृद्धि और धाम से जुड़े पारंपरिक आजीविकाओं के संरक्षण में अहम भूमिका निभाएगी।”

140 एकड़ का यह वृक्षारोपण क्षेत्र परिक्रमा मार्ग और यमुना के बीच स्थित है, वृंदावन की प्राचीन भौगोलिक पहचान का मूल आधार। परिक्रमा मार्ग से बिहारी जी मंदिर में प्रवेश करने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को यह पुनर्स्थापित हरित क्षेत्र प्राकृतिक, आध्यात्मिक और पारिस्थितिक अनुभव प्रदान करेगा। बिहारी पंचमी के शुभ अवसर पर ब्रज के संतों की पावन उपस्थिति और आशीर्वाद से, वृंदावन बिहारी लाल के श्रीचरणों में कूँज सेवा, प्रकृति संरक्षण, संवर्धन तथा मानव जीवन के बीच तालमेल का एक अद्वितीय मॉडल प्रस्तुत करता है।

जानकारी के अनुसार, महोत्सव का औपचारिक उद्घाटन करेंगे: ब्रज के 108 प्रमुख श्रीमहंत, महंत एवं संतों की पावन उपस्थिति में डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), वन, पर्यावरण, वन संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन, उत्तर प्रदेश सरकार; ग्रैमी पुरस्कार विजेता एवं पद्म भूषण पंडित विश्व मोहन भट्ट (मोहन वीणा के जनक); तंत्री सम्राट पंडित सलील भट्ट (सतविक वीणा के जनक); तथा प्रसिद्ध वादक पंडित अजय प्रसन्ना, तीन बार ग्रैमी पुरस्कार नामांकित। कार्यक्रम में स्थानीय निवासियों और भक्तों को तुलसी रोपण के माध्यम से वृंदावन की पारिस्थितिक पुनर्बहाली में शामिल होने के लिए भी आमंत्रित किया गया है।

वक्ताओं ने बताया कि यमुना तट पर पंचवटी पेड़ों का रोपण एक आध्यात्मिक कार्य होने के साथ-साथ तेजी से विकसित हो रहे बिहारी जी कॉरिडोर में एक आवश्यक पर्यावरणीय हस्तक्षेप भी है। ‘भारत की आध्यात्मिक राजधानी’ माने जाने वाले वृंदावन में बढ़ते श्रद्धालु आगमन को देखते हुए यह हरित क्षेत्र एक शांत ट्रांज़िशन स्पेस, प्राकृतिक विश्राम क्षेत्र और जीवंत पारिस्थितिक उद्यान के रूप में कार्य करेगा। इससे कारीगर आजीविका सशक्त होगी, सतत पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और वृंदावन के प्राचीन, प्राकृतिक सौंदर्य की झलक पुनर्जीवित होगी।

यह पहल बिहारी जी द्वारा पावन की गई इस भूमि के संरक्षण का संकल्प है, जो भक्तों को वह दिव्य वृंदावन दर्शाती है जहाँ प्रकृति, भक्ति और संस्कृति एकाकार थे।

अंत में वक्ताओं ने कहा कि बिहार पंचमी पंचवटी महोत्सव 2025 सेवा-आधारित सतत आध्यात्मिक विकास का नया मॉडल प्रस्तुत करता है, जो बिहारी जी के आशीर्वाद से प्राचीन वृंदावन की आत्मा को संजोते हुए तीर्थ अनुभव को और भी गहन बनाता है।

कार्यक्रम से संबंधित विस्तृत जानकारी 25 नवंबर को मुख्य समारोह में साझा की जाएगी।

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