कोलकाता रेप-मर्डर केस: सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों को काम पर लौटने का दिया निर्देश, बंगाल सरकार से पूछे सवाल

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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 9 सितंबर को कोलकाता रेप-मर्डर केस की सुनवाई की। इस दौरान सीबीआई ने फॉरेंसिक रिपोर्ट को लेकर सवाल उठाए। CBI ने कहा कि इस मामले में सबसे अहम सवाल यह है कि सैंपल किसने इकट्ठा किए?”  सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि पहले सैंपल सैंपल्स को दिल्ली स्थित एम्स (AIIMS) और अन्य फॉरेंसिक लैब भेजने का फैसला किया गया है। कोर्ट ने इसके बाद बंगाल सरकार से पूछा कि बिना औपचारिक अनुरोध के डॉक्टर ने अटॉप्सी यानी कि पोस्टमार्टम कैसे कर दिया।

कल शाम 5 बजे तक काम पर लौटें डॉक्टर

कोर्ट ने हड़ताल कर रहे डॉक्टरों को निर्देश दिया कि वह 10 सितंबर को शाम 5 बजे तक काम पर लौटें। कोर्ट ने कहा कि अगर हड़ताल कर रहे डॉक्टर अगर 10 सितंबर को शाम 5 बजे तक काम पर नहीं लौटते हैं तो अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए तैयार रहें। इससे पहले कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि इस मामले के बाद राज्य के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। इस वजह से अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर भी संज्ञान लिया। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह डॉक्टरों की सुरक्षा और हड़ताल के कारण पैदा हुए हालात को काबू करे।

CBI ने उठाए सैंपल कलेक्शन पर सवाल

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने CBI की ओर से कोर्ट को बताया कि जांच में पाया गया है कि घटना स्थल से सैंपल इकट्ठा करने का तरीका संदेहास्पद हो सकता है। जब पीड़िता का शव सुबह 9:30 बजे मिला, तो उसके कपड़े नहीं थे और शरीर पर चोट के निशान थे। इसके बाद सवाल यह उठता है कि सैंपल किसने और कैसे लिया। सैंपल्स को पश्चिम बंगाल स्थित सीएफएसएल (CFSL) लैब भेजा गया। सीबीआई ने अब इन्हें एम्स भेजने का निर्णय लिया है ताकि निष्पक्ष जांच हो सके।

सैंपल को सही तापमान पर स्टोर नहीं किया गया

सॉलीसिटर जनरल ने कहा कि डॉक्टर की डेड बॉडी से मिले स्वैब को चार डिग्री सेल्सियस पर सुरक्षित रखना था लेकिन इस नियम का पालन नहीं किया गया। साथ ही सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का चालान भी नहीं है। इस पर  कोर्ट ने कहा कि कुछ तो मिसिंग है। इसके साथ ही कोर्ट ने अस्पताल की डायरी एंट्री में गड़बड़ी को लेकर बंगाल सरकार से सवाल किया।

सीबीआई को नई स्टेटस रिपोर्ट सौंपने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि डॉक्टर का डेथ सर्टिफिकेट 1:47 बजे जारी हुआ था जबकि पुलिस ने 2:55 बजे ‘अप्राकृतिक मौत’ का मामला दर्ज किया। हालांकि, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि रिकॉर्ड के अनुसार रिपोर्ट 11:30 बजे दर्ज की गई थी। मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को अपनी स्टेटस रिपोर्ट सौंपी। कोर्ट ने कहा कि इस रिपोर्ट से ऐस पता चलता है कि अभी भी मामले की जांच की जा रही है। ऐसे में सीबीआई नई स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे।

बंगाल सरकार और सीआईएसएफ में तालमेल की कमी

केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया कि बंगाल सरकार केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के कर्मियों को सहयोग नहीं कर रही है। सीआईएसएफ को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की सुरक्षा में तैनात किया गया। केंद्र ने कहा कि सीआईएसएफ कर्मियों खासकर महिला दस्ते को आवास, सुरक्षा उपकरण और परिवहन की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

सीआईएसएफ की समस्या का समाधान करे राज्य सरकार

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस मुद्दे का तुरंत समाधान करें। आदेश में कहा गया कि 5 बजे तक आवास और परिवहन की व्यवस्था की जाए और रात 9 बजे तक सभी सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए जाएं। अदालत ने यह भी सवाल किया कि राज्य ने डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं।

मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा पर अदालत ने जताई चिंता

सुप्रीम कोर्ट ने 20 अगस्त की सुनवाई के दौरान इस घटना को “भयावह” करार दिया था। कोर्ट ने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए 10 सदस्यीय राष्ट्रीय टास्क फोर्स के गठन का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक प्रोटोकॉल तैयार किया जाना चाहिए। इसके बाद आईएमए की ओर से देश भर के अस्पतालों के लिए सिक्योरिटी गाइडलाइन्स जारी की गई थी।

डॉक्टर रेप-मर्डर केस से देश भर में हड़कंप

9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। इस वारादात के बाद पुलिस ने सिविल वॉलंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना के खिलाफ देशभर में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए, जो अभी तक जारी हैं। 22 अगस्त को अदालत ने कोलकाता पुलिस की जांच में देरी पर नाराजगी जताई और डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की। मामले की जांच अब कोलकाता पुलिस से सीबीआई को ट्रांसफर कर दी गई है।

सीबीआई की जांच में आ रही हैं दिक्कतें

सीबीआई ने कोर्ट को यह भी बताया कि इस संवेदनशील मामले में साक्ष्यों की कमी से जांच में देरी हो रही है। घटनास्थल से जुड़े कई अहम सबूत गायब हो चुके हैं, जिससे जांच में कठिनाई हो रही है। एक सीबीआई अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि घटनास्थल पर अहम सबूतों मौजूद नहीं होने की वजह से जांच में देरी हो रही है। इसके साथ ही सीबीआई ने यह संदेह भी जाहिर किया कि कोलकाता पुलिस ने सबूतों से छेड़छाड़ की है।

राज्य सरकार और सीबीआई के बीच टकराव

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार पर सीआईएसएफ (CISF) को सुरक्षा के लिए समर्थन न देने का आरोप लगाया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तृणमूल कांग्रेस सरकार की कथित असहयोगिता को जांच में बाधा मानते हुए राज्य को पूर्ण सहयोग देने का निर्देश देने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई अगले मंगलवार के लिए तय की है।

-साभार सहित

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