आगरा। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने निर्देशित किया है कि मनोरंजन के विभिन्न साधनों के संचालन हेतु उत्तर प्रदेश चलचित्र (विनियमन) अधिनियम, 1955 के सुसंगत प्राविधानों के अर्न्तगत जिला मजिस्ट्रेट द्वारा लाइसेंस या अनुमति आदेश जारी किए जाते है। 01 जुलाई 2017 से माल एवं सेवा कर की व्यवस्था लागू होने के कारण मनोरंजन कर के स्थान पर माल एवं सेवा कर देय है। उत्तर प्रदेश चलचित्र (विनियमन) अधिनियम-1955 की धारा-3 के अनुसार जिन साधनों के संचालन हेतु जिला मजिस्ट्रेट से लाइसेंस या अनुमति अपेक्षित है। जिला मजिस्ट्रेट से लाइसेंस या अनुमति प्राप्त किये बिना तथा 4क (1) के अनुसार कोई मनोरंजन जिस पर कर उद्ग्रहणीय हो, चाहे वह कर भुगतान मनोरंजन करने के दायित्व से मुक्त हो या न हो, जिला मजिस्ट्रेट की पूर्वानुमति प्राप्त किये बिना आयोजित या संचालित नहीं किया जाएगा।
राज्य कर अधिकारी (पूर्व जिला मनोरंजन कर अधिकारी) ने अवगत कराया है कि उपरोक्त के क्रम में समस्त होटल/रेस्टोरेंट/डिस्को क्लब/रुफ टॉप स्वामियों को सूचित किया जाता है कि किसमस पर्व एवं नववर्ष की पूर्व संध्या पर मनोरंजन कार्यक्रम के संचालन किए जाने से पूर्व विभागीय ऑनलाइन पोर्टल पर आवदेन के साथ ही पोर्टल पर वर्णित आवश्यक अनापत्तियां एवं अभिलेख अपलोड किये जायेंगे। अनापत्तियां एवं अभिलेखों का परीक्षण करने के उपरान्त पूर्व मनोरंजन कर कार्यालय की आख्या के साथ वांछित अनुमति हेतु जिला मजिस्ट्रेट महोदय को पत्रावली अग्रसारित की जायेगी।
उन्होंने यह भी बताया है कि उपरोक्त के संदर्भ में समस्त होटल/रेस्टोरेंट/डिस्को क्लब/रुफ टॉप एवं अन्य को निर्देशित किया जाता है कि किसी भी मनोरंजन कार्यक्रम किये जाने से पूर्व उक्त विहित प्रक्रिया के अनुसार अनुमति प्राप्त कर ही कार्यक्रम का आयोजन करेंगे। उपरोक्त प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की कोई समस्या या बाधा उत्पन्न होती है तो कार्यालय सहायक मनोरंजन कर आयुक्त, कलेक्ट्रेट, आगरा से संपर्क कर सकते हैं।