नई दिल्ली। यूपी के गाजियाबाद जिले में फर्जी दूतावास का खुलासा होने कुछ दिन बाद नोएडा में ‘इंटरनेशनल पुलिस’ के नाम पर फर्जी कार्यालय खोले जाने का मामला सामने आया। कार्यालय ‘इंटरनेशनल पुलिस एंड क्राइम इंवेस्टिगेशन ब्यूरो’ के नाम से संचालित किया जा रहा था, जो पूरी तरह से अवैध था।
न्यूज चैनल “आजतक” के अनुसार, यह फर्जी पुलिस कार्यालय हाल ही में खोला गया था। इसका जाल फैलने से पहले ही पुलिस ने इसका भंडाफोड़ करते हुए छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने फर्जी तरीके से इंटेलिजेंस ब्यूरो और अन्य सुरक्षा एजेंसियों का नकली कार्यालय खोल रखा था। इस फर्जी कार्यालय से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, पहचान पत्र, पासबुक और चेकबुक बरामद की गईं।
फर्जी आईडी कार्ड्स और आधिकारिक दस्तावेजों से साफ है कि आरोपी आम लोगों से लेकर संस्थानों तक को अपने जाल में फंसाने की योजना बना रहे थे। उन्होंने पैरलल पुलिस का काम करने की नीयत से यह दफ्तर खोला ताकि पुलिस से जुड़े सभी काम आसानी से करवाये जा सकें।
नोएडा पुलिस ने कहा, “यह मामला पूरी तरह फिल्मी स्टाइल में अंजाम दिया गया था, लेकिन रील से रियल में आते ही इसका क्लाइमेक्स हमने लिख दिया।”
आरोपियों ने पिछले जून महीने में नोएडा के सेक्टर 70 में एक मकान किराए पर लिया था और बीते एक सप्ताह से बोर्ड लगाकर काम किया जा रहा था।
सूचना मिलने पर पुलिस ने पहले गोपनीय तरीके से जांच की। उसके बाद छापा मार सभी को दबोच लिया। यह मामला गाजियाबाद में संचालित फर्जी दूतावास की तरह का है, जिसमें सरकारी नाम और अधिकारों का गलत इस्तेमाल कर लोगों को भ्रमित किया जाता था।
पुलिस का कहना है कि आरोपी खुद को अंतरराष्ट्रीय स्तर की जांच एजेंसी का हिस्सा बताते थे और वेरिफिकेशन या जांच के नाम पर लोगों से संपर्क करते थे। पुलिस ने आरोपियों के नेटवर्क और वित्तीय लेनदेन की जांच शुरू कर दी है। इनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले बोर्ड का रंग भी पुलिस जैसा था इसके अलावा एक “लोगो” भी एक राज्य पुलिस जैसा प्रतीत हो रहा है।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम विभाष चंद्र अधिकारी, अराग्या अधिकारी, पिंटू पाल, सम्पदा माल, बाबुल चंद्र मंडल और आशीष कुमार हैं। सभी आरोपी पश्चिम बंगाल के रहने वाले बताए जा रहे हैं।