श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस पर भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का किया वर्णन

Religion/ Spirituality/ Culture उत्तर प्रदेश

आगरा। वीधा नगर, बोदला रोड स्थित रंग महल बैंकट हॉल में चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पंचम दिवस सोमवार को कथा व्यास पूज्य पं. गरिमा किशोरी ने भगवान श्रीकृष्ण की मनमोहक बाल लीलाओं का भावपूर्ण वर्णन किया। कथा व्यास ने कहा कि भगवान को माखन प्रिय इसलिए है क्योंकि माखन भक्त के निर्मल हृदय का प्रतीक है। कथा के दौरान पं. गरिमा किशोरी ने कालीया नाग दमन लीला का प्रसंग सुनाते हुए बताया कि किस प्रकार बालक कृष्ण ने यमुना में विष फैलाने वाले कालीया नाग का अभिमान चूर कर ब्रजवासी जनों की रक्षा की। उन्होंने कहा कि भगवान का प्रत्येक कार्य जीवों के कल्याण हेतु होता है।

इसके पश्चात उन्होंने गोवर्धन लीला का दिव्य वर्णन करते हुए बताया कि सात वर्ष के बालक कृष्ण ने सात कोस लंबे और चौड़े गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उंगली पर सात दिन और सात रात तक धारण कर इंद्रदेव का अभिमान भंग किया। यह प्रसंग यह सिखाता है कि मनुष्य को कभी अभिमान नहीं करना चाहिए — क्योंकि अभिमान विनाश का कारण बनता है। कर्म करना ही जीव का धर्म है, फल देना भगवान का कार्य है।

कथा व्यास ने आगे कहा कि भागवत कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का साक्षात मार्ग है। कलियुग की महिमा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा — “कलियुग में हरी नाम ही एकमात्र साधन है। सच्चे मन से भगवान का नाम स्मरण करने मात्र से ही जीव का कल्याण संभव है। न कठिन तप, न यज्ञ की आवश्यकता — केवल हृदय से लिया गया हरि नाम ही मुक्ति का द्वार खोल देता है।”

कथा के मध्य जब पं. गरिमा किशोरी  ने भक्ति रस से ओतप्रोत भजन सुनाए, तो उपस्थित श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे और पूरा पंडाल “हरि बोल” और “जय श्रीकृष्ण” के उद्घोष से गूंज उठा।इस पावन अवसर पर नानकराम नानकराम, गंगा देवी, पं. विकास महाराज, श्याम भोजवानी, मनोज नोतनानी सुनील मानवाणी,सुन्दर चेतवानी, बांकेलाल गोस्वामी, धर्मदास, किशोर गुरुनानी, कालीचरण, रमेश चंद्र, बाबूलाल, कैलाश चंद्र, गुरदासमल,राजकुमार असरानी, कपिल,विनोद महाराज, कुमर सिंह, रामगोपाल शर्मा, हरी सिंह, भूदेव सिंह एवं रमेश चंद्र, जगदीश बत्रा सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *