लखीमपुर खीरी: लखीमपुर खीरी में बीजेपी विधायक योगेश वर्मा के साथ हुई मारपीट ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। बार संघ के अध्यक्ष अवधेश सिंह ने पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में विधायक को थप्पड़ जड़ दिया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
लखीमपुर खीरी अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के चुनाव को लेकर मंगलवार से घमासान चल रहा था। मंगलवार से चल रहा ये घमासान बुधवार को बड़े बवाल में बदल गया। दरअसल, यहां पर बैंक के प्रधान कार्यालय के पास भाजपा के गुट आमने सामने आ गए। इस दौरान सदर विधायक योगेश वर्मा को बैंक की पूर्व अध्यक्ष पुष्पा सिंह के पति जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अवधेश सिंह व उनके समर्थकों ने पीट दिया। इस मारपीट की वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस घटना के बाद वहां पर स्थिति तनावपूर्ण हो गयी है। इसको देखते हुए कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई और हालात को काबू में किया।
लखीमपुर अर्बन कोआपरेटिव बैंक प्रबंध समिति के चुनाव की प्रक्रिया स्थगित किए जाने का पत्र मंगलवार को वायरल हुआ था। हालांकि, एडीएम ने कहा था कि चुनाव स्थगित नहीं होगा, पूरी निष्पक्षता के साथ चुनाव संपन्न कराया जाएगा। बुधवार को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार नामांकन प्रक्रिया बैंक के प्रधान कार्यालय से शुरू हुई। नामांकन प्रक्रिया शुरू होते ही बवाल शुरू हो गया। इसी दौरन भाजपा विधायक योगेश वर्मा और अवधेश सिंह का वहां आमना सामने भी हो गया, जिसके बाद अवधेश सिंह ने भाजपा विधाकय को थप्पड़ जड़ दिया।
इसके बाद वहां अन्य लोगों ने भी विधायक को पीछे से खींच कर लात-घूसे चला दिए। इस बीच पुलिस फोर्स ने किसी तरह विधायक को बचाया और छुड़ा कर ले गई। फिलहाल इस समय माहौल शांत है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। विधायक और उनके साथी सड़क पर खड़े हैं, पर्चा जमा कराए जा रहे हैं। कई थानों की पुलिस आ गई। बैंक परिसर को छावनी बना दिया गया है।
विधायक योगेश वर्मा ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अवधेश सिंह ने मेरे गिरेबान के ऊपर हाथ डाला है, इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा।” इस बयान ने मामले को और भी गर्मा दिया और विधायक ने आरोप लगाया कि बार संघ अध्यक्ष की कार्रवाई राजनीतिक दुर्भावना का परिणाम है।
घटना के बाद अर्बन कॉपरेटिव बैंक के सामने जमकर हंगामा हुआ, और माहौल तनावपूर्ण हो गया। स्थानीय पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन मामला बढ़ता गया।
अब, इस घटना की जांच की मांग की जा रही है, और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना आगामी चुनावों में असर डाल सकती है।