‘सत्या साची’ की आनंदिता साहू ने कहा, “भाई दूज का रिश्ता सिर्फ भाइयों तक क्यों सीमित हो? बहनें भी होती हैं सच्ची साथी”

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उत्तर प्रदेश: भाई दूज भाई–बहन के प्यार और रिश्ते की मजबूती को दर्शाने वाला पर्व है, लेकिन अभिनेत्री अनंदिता साहू के लिए यह थोड़ा अलग है। सन नियो के नए शो ‘सत्या साची’ में सत्या का किरदार निभा रहीं अनंदिता के लिए इस बार यह पर्व सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि एक नई भावनात्मक कहानी बन गया है।

अनंदिता कहती हैं,”भाई दूज जैसे त्योहार असल में प्रेम और सुरक्षा के उस बंधन का उत्सव है, जरूरी नहीं कि यह परंपराओं की सीमाओं में बंधा हो। यह उन लोगों के लिए होता है जो हमें सुरक्षित, संबल और स्नेह से भरा महसूस कराते हैं। ‘सत्या साची’ शो की कहानी के ज़रिए मैंने समझा कि भाई–बहन का रिश्ता केवल लिंग से नहीं, बल्कि उस बंधन की मजबूती से परिभाषित होता है। जैसे इस शो में मेरा और मेरी बहन का रिश्ता है।”

वह आगे कहती हैं,“मैं एकलौती संतान हूँ, इसलिए मुझे कभी असल में भाई या बहन के रिश्ते का अनुभव नहीं हुआ। लेकिन सत्या साची की शूटिंग शुरू करने के बाद मैंने महसूस किया कि भाई–बहन या दो बहनों का रिश्ता कितना गहरा और सच्चा होता है, जहाँ झगड़े भी हैं, हँसी भी, और फिर भी हमेशा एक-दूसरे को साथ खड़े रहने का वादा निभाते हैं।

हमारे शो की कहानी दो बहनों की है जो हर परिस्थिति में एक-दूसरे का साथ देती हैं और यही उस रिश्ते की असली खूबसूरती है। मैं मानती हूँ कि भाई दूज सिर्फ भाइयों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बहनें भी एक-दूसरे के लिए वही निस्वार्थ प्यार करती हैं। इस साल मैं भाई दूज अपनी ऑन-स्क्रीन बहन भाग्यश्री (जो साची का किरदार निभा रही हैं) के साथ मनाने वाली हूँ, क्योंकि अब वो मेरे लिए मेरी रियल बहन जैसी बन चुकी हैं पर्दे पर भी और ज़िंदगी में भी।”

शो ‘सत्या साची’ एक दूसरे से न अलग होने वाली दो बहनों सत्या और साची की कहानी है जहाँ एक निडर और दृढ़ है वहीं दूसरी कोमल और निस्वार्थ है। दोनों का रिश्ता प्रेम और एक वचन पर आधारित है कि वे हर परिस्थिति में एक-दूसरे का साथ निभाएँगी। जीवन चाहे जो भी परीक्षा ले,उनका संबंध अटूट और अमिट रहेगा।

देखते रहिए प्रेम, त्याग और दो बहनों के प्रेम की कहानी की शुरुआत जल्द ही, केवल सन नियो पर।

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