एलएस बघेल, आगराः रूस और यूक्रेन के मध्य चल रहे युद्ध में वैसे तो भारत के हजारों छात्र फंसे हुए हैं। इनमें आगरा एवं आसपास के भी कई मेडिकल छात्र और छात्राएं फंसे हुए हैं। इन्हीं से एक लाल आगरा में ईदगाह कालोनी का निवासी है। उसके पिता धर्मेंद्र बघेल हाकी के अच्छे खिलाड़ी हैं। उनका बेटा आदित्य बघेल यूक्रेन में डेनीप्रो विश्विवद्यालय से एमबीबीएस कर रहा है। लेकिन युद्ध हो जाने के कारण सभी छात्रों को जान बचाकर भागना पड़ रहा है।
आदित्य के पिता धर्मेंद्र बघेल ने बताया कि रोमानिया के बार्डर पर भारतीय छात्रों की काफी भीड़ है। इसलिए उनका बेटा हंगरी के रास्ते कल शाम को चला है। जहां से दो बसों में डेनीप्रो यूनिवर्सिटी के मेडिकल छात्र रवाना हुए हैं। रास्ते में कड़ी चेकिंग चल रही है। हालांकि छात्रों के साथ विश्सवविद्यालय के कुछ अधिकािरियों के अलावा लोकल गार्जियन भी हैं। लगभग 24 घंटे के सफर के बाद उनके बेटे सहित लगभग दो सौ छात्र-छात्राएं मंगलवार की शाम हंगरी की सीमा पर पहुंच गये हैं। जहां रोमानिया बार्डर के मुकाबले भारतीयों की भीड़ कुछ कम है। आदित्य के पिता की चिंता ये है कि जितना जल्दी ये यूक्रेन के बार्डर क्रास कर जाएंगे, उतना जल्दी सुरक्षित होजाएंगे। हालांकि ऊनके बेटे ने फोन पर बताया कि हंगरी की सीमा पर युद्ध जैसे हालात नहीं हैं। चेकिंग जरूर कड़ी की जा रही है। धर्मेंद्र बघेल ने बताया कि स्वजनों की चिंता कल ज्यादा थी। बड़ी मुश्किल से तो बसों को ईंधन मिल पाया था। इसके अलावा पुलिस की छानबीन कुछ ज्यादा ही चल रही है।
इधर तहसील प्रशासन द्वारा आदित्य के स्वजनों को लगातार दिलासा दिलायी जा रही है। सदर तहसील से फोन पर खैरखबर ली जा रही है। श्री धर्मेंद्र ने बताया कि जिला प्रशासन के अधिकारी लगातार उनसे संपर्क बनाए हुए हैं। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही उनका बेटा यूक्रेन की सीमा पार कर जाएगा। जिससे वह सुरक्षित जोन में पहुंच जाएगा। हंगरी से तो हवाई जहाज द्वारा भारत कल तक पहुंच जाएगा। उसके साथ आगरा और आसपास के अन्य मेडिकल छात्र भी हैं।