आगरा: गोकुल बैराज, मथुरा से 1,37,373 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी का जलस्तर आगरा में खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। रविवार दोपहर 2 बजे जल संस्थान, आगरा पर यमुना का जलस्तर 152.405 मीटर दर्ज किया गया।
लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने कई क्षेत्रों में बाढ़ राहत शरणालय स्थापित किए हैं। इनमें प्रा.वि. सरगनखेड़ा, आईटीआई बल्केश्वर, कैलाश मंदिर और अंबेडकर वाटिका (मोतीमहल) शामिल हैं।
प्रभावित क्षेत्र
सदर तहसील में तनौरा, नूरपुर, मेहरा नाहरगंज, विसारना, कैलाश, स्वामी बाग, खासपुर, बल्केश्वर, अनुराग नगर, मनोहरपुर, नगला बूढ़ी, अमर विहार, दयालबाग और कृष्णा कॉलोनी जलभराव व बाढ़ से प्रभावित हो रहे हैं।
फतेहाबाद तहसील के भरापुर, बमरौली, ईदौन, मडायना, मेलीकलॉ, गुड़ा, मेवली खुर्द, हिमायूपुर तथा एत्मादपुर तहसील के नगला धीमर, बढ़नुपरा, रहनकलां और नगला कटा जैसे गांव भी खतरे की जद में हैं।
वर्तमान में चंबल नदी का जलस्तर 124.60 मीटर है। मौसम और बैराजों से छोड़े जाने वाले पानी को देखते हुए यमुना का स्तर और बढ़ने की संभावना बनी हुई है।
राहत और बचाव
बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए एनडीआरएफ की टीम सदर तहसील क्षेत्र में तैनात की गई है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि:
आवश्यक दस्तावेज (राशन कार्ड, पासबुक, आधार कार्ड आदि) वॉटरप्रूफ बैग में रखें।
सूखा अनाज और पशुओं का चारा ऊँचे स्थान पर सुरक्षित रखें।
गर्भवती महिलाएं, बच्चे, वृद्ध, दिव्यांग व बीमार व्यक्ति तुरंत नजदीकी बाढ़ शरणालय में शरण लें।
बिजली का मुख्य स्विच और गैस रेगुलेटर बंद रखें।
नदी किनारे न जाएं और बच्चों को यमुना में नहाने से रोकें।
अपर जलाधिकारी (वि./रा.) श्रीमती शुभांगी शुक्ला ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।