फतेहपुरसीकरी। कस्बे में वाटर वर्क्स के पास रहने वाले ताजुद्दीन की पत्नी को आज तड़के हाईवे किनारे खुले में शिशु को जन्म देना पड़ा। फतेहपुरसीकरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जिस महिला चिकित्सक ने तड़के साढ़े चार बजे ताजुद्दीन की पत्नी रुखसाना को यह कहकर डिलीवरी कराने से मना कर दिया था कि महिला में ब्लड की कमी है, उसी रुखसाना ने सड़क किनारे बच्चे को जन्म दिया।
ताजुद्दीन अपनी पत्नी रुखसार को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहपुरसीकरी पर आज तड़के 4:30 बजे पहुंचा था। वहां उपस्थित महिला चिकित्सक ने ब्लड की कमी बताते हुए उसे आगरा अथवा भरतपुर ले जाने की सलाह दी। गर्भवती महिला के साथ पड़ोस की अन्य महिलाएं भी थीं। सभी ने कहा कि तीसरी डिलीवरी है और समय भी पूरा हो चुका है, डिलेवरी नॉर्मल हो जाएगी, किंतु चिकित्सक ने उसे दूसरी जगह ले जाने की कहकर पल्ला झाड़ लिया।
इस पर ताजुद्दीन ने गर्भवती पत्नी रुखसार को बाइक पर बैठाया। पीछे पड़ोस की नन्ही को भी बैठा लिया क्योंकि स्वास्थ्य केंद्र से एंबुलेंस की व्यवस्था भी नहीं हो पाई। ताजुद्दीन सीकरी चारहिस्सा नगर 13 मोरी के समीप एएनएम मंजू रानी के पास पत्नी को ले जा रहा था कि तेरहमोरी के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे तेज दर्द होने से रुखसाना को सड़क किनारे ही चादर पर लेटाना पड़ा। यहीं पर उसकी डिलीवरी हो गई।
राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे विद्युत उपखंड कार्यालय सीकरी चारहिस्सा के एसएसओ रणवीर चाहर और राजेंद्र लोधी ने सड़क किनारे डिलीवरी होते देखी तो तत्काल एएनएम मंजूरानी के पास पहुंचे और सब कुछ बताया। मंजूरानी ने गांव की आशा बहन को बुलाया और दोनों वहां पहुंचीं जहां रुखसाना ने बच्चे को जन्म दिया था। दोनों ने सड़क पर ही गर्भनाल काटी। टेम्पो की व्यवस्था कर जच्चा और बच्चा को आयुष्मान आरोग्य मंदिर सीकरी चारहिस्सा पर भर्ती कराया। जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी पीयूष अग्रवाल ने का कहना है कि रुखसाना का मामला उनके संज्ञान में आया है। उसका हीमोग्लोबिन 5% के लगभग था। चेहरे पर स्वेलिंग भी थी, इसलिए उसे आगरा ले जाने की सलाह दी गई थी।