आगरा। कथित समाज सेविका सोनी त्रिपाठी के खिलाफ आज एक महिला ने मोर्चा खोल दिया। उन पर गंभीर आरोप लगा। इसके लिए उस महिला ने प्रेस वार्ता की और मीडिया के सामने खुलकर कथित समाज सेविका सोनी त्रिपाठी की पोल खोल दी। पीड़िता महिला का नाम दिव्या पांडे है। उसका कहना है कि उसका, पति और ससुरालियों से पारिवारिक विवाद चल रहा है। इस मामले में कथित समाज सेविका से मदद मांगना उसके लिए महंगा पड़ गया। उसने पति और ससुरालयों के साथ साठ गांठ करके उसे झूठे मुकदमों में फंसाया। वो लखनऊ में बेटे के लिए जेल भी गई। उसके पास कोई जमानत न होने चलते 151 में उसे जेल हुई। इस मामले को इतना उछाल की उसे मानसिक वेदना झेलनी पड़ी लेकिन अब वह सोनी त्रिपाठी से आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है।
पति ने लिखाया 307 का मुकदमा पुलिस जांच में निकला झूठा:-
पीड़िता कहती है कि उसके पति ने 307 का मुकदमा उसके खिलाफ लिखाया था लेकिन जब इस मामले की जांच हुई तो सभी आरोप निराधार निकले और वह 307 के मुकदमे से बरी हुई। आज उसके ऊपर कोई भी 307 का मुकदमा नहीं है बल्कि इस मामले में झूठी एफआईआर बनाकर मुझे बदनाम किया जा रहा है जिसकी शिकायत उसने उच्च अधिकारियों से की है और इसके पीछे भी कथित समाज सेविका सोनी त्रिपाठी का ही हाथ है। पीड़िता ने कथित समाजसेविका सोनी के चरित्र पर भी कई सवाल उठाए हैं। पीड़िता का कहना है कि सोनी त्रिपाठी इंटरमीडिएट पास है और अपने आप को साइबर एक्सपर्ट के रूप में प्रेजेंट करती है जिससे वह पीड़ित महिलाओं को उनकी मदद के नाम पर फंसा सके इतना ही नहीं खुद ने घर से भाग कर प्रेम विवाह किया 13 वर्ष बीतने के बाद दो बच्चों की मां बनने के बाद पति पर ही झूठ 307 का मुकदमा कराया और फिर ससुरालयों और पति से समझौते के नाम पर 10 लाख रुपए वसूली लिए।
अगर सोनी त्रिपाठी की असलियत जाननी है तो उसके पति से जुबानी सुनिए। पीड़िता का कहना है कि सोनी त्रिपाठी व्हाट्सएप ग्रुप माफिया है। 50 से ऊपर व्हाट्सएप ग्रुप चलती है जिसमें बड़े अधिकारी पुलिस प्रशासन के लोगों को जोड़ रखा है इसी की चलती यह बिना किसी योग्यता की जय प्रतिषेध कमेटी की सदस्य नगर निगम की ब्रांड एंबेसडर तक बन गई और रुआब दिखाकर वह महिलाओं को अपने जाल में फसती है अगर कोई शिकायत करता है तो अधिकारियों से संपर्क होने के चलते उसे मैनेज कर लिया जाता है।
पीड़िता का यह भी कहना है कि 2 वर्ष पहले जब वो कथित समाजसेविका सोनी त्रिपाठी की बेटी को जब पढ़ाने के लिए जाती थी तो उस दौरान वह शराब और सिगरेट का सेवन खूब करती थी उनके घर पर शराब पार्टी खूब चलती थी जिसमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल न थे इस शराब पार्टी में शामिल होने के लिए उन्होंने कई बार उन्हें ऑफर दिए लेकिन मैंने मना कर दिया जिससे वह नाराज भी हुई।
पीड़िता का कहना है कि ससुराल में उसके सामान के साथ-साथ उनकी बैंक अकाउंट की चेक बुक भी रह गई है उसने पति के साथ मिलकर चेक पर फर्जी हस्ताक्षर किए और उसे चेक को अपने अकाउंट में लगा लिया और फिर कोर्ट के माध्यम से उन्हें 138 का नोटिस भिजवा दिया ताज्जुब की बात यह थी कि यह नोटिस भी उनके पति के वकील के माध्यम से ही उन्हें प्राप्त हुआ।
पीड़िता का कहना था कि सोनी त्रिपाठी ने उनके पति को अपने जाल में फंसा लिया है जिसके चलती पति को हथियार बनाकर वह अपना बदला मुझे निकल रही है इस पूरे मामले की भी शिकायत उन्होंने अपर पुलिस आयुक्त की सब चौधरी से की है जिन्होंने इस पूरे मामले की चाहत एसीपी सदर सुकन्या शर्मा को सौंप है उन्हें उम्मीद है कि योगी सरकार में एक पीड़िता को पूरा न्याय मिलेगा।
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