आगरा। मुस्कान टीम ने 22 साल पहले गायब हुए बेटे को उसके घर वालों से मिलाया है जैसे ही घर वाले उससे मिले सभी की आंखें नम थीं। सभी की आंखों में खुशी के भावुक पल थे।
मामला प्रयास बाल गृह का है। यहां मार्च 2024 में पुलिस बच्चों की काउंसलिंग कर रही थी। इसी बीच वहां पर सफाई करने वाला बबलू शर्मा पुलिस के पास आया। उसने कहा कि मेरा परिवार भी खोज दीजिए। मैं जब छोटा था तो जून 2002 के लगभग घर से निकल आया था। फिर कभी घर नहीं पहुंचा। उसने अपने पिता का नाम सुखदेव और मां का नाम अंगूरी देवी बताया। बताया कि उसके गांव का नाम धनौरा है।
प्रभारी निरीक्षक मुस्कान टीम जीआरपी रिपुदमन सिंह ने बताया कि सी प्लान ऐप और गूगल मैप के माध्यम से उसका गांव सर्च किया गया। काफी सर्च करने पर पता चला कि बिजनौर, बागपत व बुलंदशहर जिले में धनौरा गांव पड़ते हैं। इन सभी गांव में संपर्क करने पर कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद बबलू से फिर से बात की गई। उससे पूछा कि वह दिल्ली कैसे पहुंचा। उसने बताया कि मैं ट्रेन से आया था। कई और छोटी-छोटी बातें पूछी गईं। काफी पूछताछ के बाद पता चला कि उसका गांव धनौरा, चोला रेलवे स्टेशन के बिल्कुल समीप है। फिर वहां संपर्क किया गया।
गांव में बबलू शर्मा का फोटो सेंड किया गया। फिर भी कुछ पता नहीं चला। काफी दिन बाद एक फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि हमारे गांव के सुखदेव शर्मा नाम के व्यक्ति का बेटा काफी समय पहले खो गया था। उसका आज तक कोई भी पता नहीं चला। उनसे सुखदेव का नंबर लेकर संपर्क किया गया। उनसे परिवार के सदस्यों के नाम पूछे तो उन्होंने जो नाम बताए, वह सभी नाम बबलू द्वारा बताए गए नाम से मैच हुए। उनको बाल गृह का मोबाइल नंबर दिया। व्हाट्सअप से बबलू की बात उसकी मां से कराई गई। उन्होंने अपने बच्चे को पहचान लिया।