आगरा। सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज (एस.एन. मेडिकल कॉलेज) आगरा में उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “हृदय सेतु: स्टेमी-केयर” के तहत दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य मेजर हार्ट अटैक (स्टेमी) के मरीजों के उपचार को स्पोक-एंड-हब मॉडल के जरिए त्वरित, समयबद्ध और अधिक प्रभावी बनाना है।
सरकार ने एसएन मेडिकल कॉलेज को हब के रूप में विकसित किया है, जबकि आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, एटा और हाथरस के सीएचसी, एफआरयू, जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेजों को स्पोक सेंटर के रूप में जोड़ा गया है।
गोल्डन टाइम में उपचार की नई व्यवस्था
प्रिंसिपल एवं डीन डॉ. प्रशांत गुप्ता के निर्देशन में कार्डियोलॉजी विभाग की टीम ने प्रशिक्षण का संचालन किया। निर्देश दिए गए कि छाती में दर्द के साथ पहुंचे मरीज का तुरंत ईसीजी किया जाए। स्टेमी की पुष्टि होने पर स्पोक सेंटर 10 मिनट में ईसीजी हब सेंटर को भेजेंगे।
पुष्टि मिलते ही स्पोक सेंटर में मरीज को ₹50,000 का लाइफसेविंग टेनेक्टेप्लेस इंजेक्शन दिया जाएगा, जिससे मृत्यु जोखिम 30% से अधिक घट जाता है। प्राथमिक उपचार के बाद मरीज को सरकारी एम्बुलेंस से हब पर रेफर किया जाएगा।
100 मेडिकल कर्मियों को मिला प्रशिक्षण
दो दिनों के प्रशिक्षण में आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, एटा और हाथरस के 100 मेडिकल स्टाफ को स्टेमी प्रबंधन, ईसीजी पढ़ने, दवा प्रशासन और हब-स्पोक समन्वय का प्रशिक्षण दिया गया।
उद्घाटन में वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद
समारोह में डॉ. प्रशांत गुप्ता, डॉ. ज्योत्स्ना भाटिया, डॉ. कमलेश यादव, डॉ. अरुण श्रीवास्तव, डॉ. बसंत कुमार गुप्ता और डॉ. पीयूष जैन मौजूद रहे।
विशेषज्ञों ने दिया विस्तृत तकनीकी मार्गदर्शन
डॉ. दीप, डॉ. दिवस (UPTSU), डॉ. बसंत कुमार गुप्ता, डॉ. हिमांशु यादव और डॉ. सौरभ नागर ने स्टेमी पहचान, त्वरित उपचार और हब-स्पोक संचालन पर महत्वपूर्ण प्रशिक्षण दिया।
प्रदेश में हार्ट अटैक मृत्यु दर कम करने की दिशा में बड़ा कदम
योजना से दूरस्थ क्षेत्रों में भी मरीजों को गोल्डन आवर के भीतर उपचार मिल सकेगा। एस.एन. मेडिकल कॉलेज आगरा इस मिशन में क्षेत्र का प्रमुख हृदय उपचार हब बनकर उभर रहा है।
