Agra News: विकास कार्य न होने से नाराज एक दर्ज़न से अधिक कॉलोनियों के वासियों ने किया चुनाव बहिष्कार का एलान, लगाए मकान बिकाऊ है के पोस्टर

स्थानीय समाचार

आगरा: लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही क्षेत्रीय लोगों ने अपनी समस्याओं को लेकर मोर्चा खोल दिया है। ताजा मामला शमसाबाद रोड से जुड़ा हुआ है। नगला कली, कहरई, रजरई और सेमरी क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक कॉलोनियां है जहाँ से गुजरने वाले रोड बदहाल हैं। लोग सड़क, पानी, सीवर की समस्याओं से कई सालों से जूझ रहे हैं लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं निकल सका है। जलनिकासी की कोई व्यवस्था न होने पर रास्तों पर गंदा पानी भरा है। क्षेत्रीय लोगों ने कई बार जनप्रतिनिधियों से इस समस्या के समाधान हेतु गुहार लगाई है।

जनप्रतिनिधियों की लापरवाही पर गुस्सा जाहिर करने के लिए अब इन पीड़ितों ने ‘मकान बिकाऊ के’ पोस्टर चस्पा कर दिए है।

पुष्पांजलि होम्स, पुष्पांजलि इको सिटी, पुष्पांजलि क्लाउड वैली, गोविंद नगर, ओमश्री ग्रीन होम्स फेज-1 व 2, शिव गंगा रेजिडेंसी, तुलाराम गार्डन, गायत्री उपवन, मारुति प्रवाशम, मारुति प्रवाशम इको, तिरुपति एंक्लेव कॉलोनी में 10 हजार से अधिक लोग रहते है लेकिन यहाँ पर जलनिकासी और सीवेज निस्तारण व्यवस्था नहीं होने से लोग परेशान हैं। उनका गुस्सा फूटने लगा है। इसीलिए लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही यहां पर मकान बिकाऊ के पोस्टर लग गए हैं। मकान बेचने के लिए यह लोग जनप्रतिनिधियों और स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं जो उनकी मूलभूत समस्याओं को आज तक निस्तारण नहीं कर पाया है।

क्षेत्रीय निवासी श्रीभगवान शर्मा, देवेंद्र उपाध्याय, बलराम सिंह और राजीव सक्सेना का कहना है कि चार साल से सांसद, विधायक, मंत्री और प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काटते-काटते थक गए हैं। सड़क और नाला नहीं बनने से गंदे पानी की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। महिलाओं और बुजुर्गों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एक दर्जन कॉलोनियों के गेट पर रविवार को निवासियों ने आगामी चुनाव के बहिष्कार और मकान बिकाऊ के पोस्टर चस्पा कर दिए। पोस्टर पर लिखा है कि कॉलोनी के सभी मकान बिकाऊ हैं। गंदे पानी की स्थायी निकासी नहीं होने तक जनता आंदोलन करेगी।

क्षेत्रीय निवासी सुमित जौहरी, नरेंद्र सिंह, राकेश उपाध्याय, मनमोहन शर्मा, हरीश भारद्वाज और अनिल शुक्ला का कहना है कि चुनाव से पूर्व उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

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