जीजा-साले अपहरण कांड में आधा दर्जन से अधिक आरपीएफ कर्मियों पर कार्रवाई तय, कुछ की बर्खास्तगी संभव

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आगरा, 18 जनवरी।जीजा-साले अपहरण कांड का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में विभागीय जांच चल रही है और आधा दर्जन से अधिक आरपीएफ कर्मियों पर तलवार लटकी हुई है। इस मामले में जांच कर रही टीम ने अपनी रिपोर्ट भी तैयार कर ली है। जांच को दो भागों में विभाजित किया है। आधा दर्जन से अधिक लोगों को मेजर चार्जशीट तो 2 लोगों को माइनर चार्जशीट दी गई है। जांचकर्ताओं की इस कार्रवाई से आरपीएफ आगरा कैंट में पूरी तरह से हड़कंप मचा हुआ है। चर्चा चल रही है कि आधा दर्जन से अधिक लोग पूरी तरह से इस मामले में दोषी पाए जाएंगे।

अपहरण कांड में 8 लोगों पर कार्रवाई

पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि जीजा साले अपहरण कांड में लगभग  8 लोग जांच टीम के निशाने पर है। सभी लोगों पर पूरी तरह से कार्रवाई की जा रही है। यह सभी आरपीएफ से जुड़े हुए हैं। 8 लोगों में से छह लोगों को मेजर चार्जशीट दी गई है तो वहीं दो को माइनर चार्जशीट में रखा गया है। मेजर 4 सीट के अंतर्गत आरोपी को नौकरी से बर्खास्त किया जा सकता है तो वहीँ 4 सीट में सैलरी को रोकने का प्रावधान होता है। इन 8 लोगों पर कार्रवाई सुनिश्चित है।

यह था मामला

यह पूरा मामला 13 दिसंबर 2022 का है। जानकारी के मुताबिक मूलरूप से जलेसर निवासी कासिम तीन वर्ष से परिवार के साथ मलपुरा क्षेत्र के अभयपुरा में रहता है। वह फेरी लगाकर कपड़ा बेचता है। दो दिन पहले उसके घर अलीगढ़ के चंदौस में रामपुर शाहपुर निवासी जीजा इकरार भी आया था। घटना के दिन दोनों घर में थे। रात एक बजे सफेद रंग की बोलेरो गाड़ी से पांच लोग पहुंचे। इनमें चार लोग वर्दी पहने थे। चारों मारपीट कर कासिम और इकरार को उठाकर ले गए। इस पूरे मामले की जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि घर से युवकों का अपहरण करके फिरौती मांगने वाले आरपीएफ पुलिसकर्मी थे।

व्हाट्सएप कॉल से मांगी थी फिरौती

छोड़ने के एवज में चार लाख रुपये मांगे। किसी तरह 12 हजार रुपये का इंतजाम करके कासिम उनके द्वारा बताए गए स्थान कैंट पुल के नीचे पहुंचे। वहां पुलिस की वर्दी पहने युवक मिले। कासिम ने 12 हजार रुपये देकर हाथ जोड़कर छोड़ने को कहा, लेकिन वे तैयार नहीं हुए। कासिम ने वहां से वापस आकर रुपये का इंतजाम करने की कोशिश की, लेकिन इंतजाम नहीं हो सका। आरोपितों ने दोबारा उसके मोबाइल पर व्हाट्सएप काल की और कहा कि दो लाख रुपये नहीं मिले तो वे उसके भाई और जीजा को मार देंगे।

भाई और जीजा को छुड़ाने का कोई रास्ता न देखकर मंगलवार दोपहर दो बजे कासिम मलपुरा थाने पहुंचा और एसओ मलपुरा को पूरी घटना बताई। इसके बाद पुलिस आयुक्त डा. प्रीतिंदर सिंह को जानकारी हुई। उन्होंने डीसीपी पश्चिम सत्यजीत गुप्ता को कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने आपरेशन शुरू कर दिया। कासिम ने आरोपितों से कह दिया कि उसने इंतजाम कर लिया है। इसके बाद वर्दीधारियों ने उसे रुपये लेने के लिए शमसाबाद रोड पर अमर होटल के पास बुलाया। वहां पुलिस ने पहले से ही घेराबंदी कर ली थी। जैसे ही अपहरणकर्ता फिरौती लेने आए पुलिस ने उन्हें धर दबोच लिया।

तत्काल यह हुई थी कार्रवाई

एनसीआर के सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय ने वीडियो जारी कर बताया था कि आगरा में एक अपहरण की घटना में रेल सुरक्षा बल आगरा कैंट में कार्यरत एक उपनिरीक्षक तथा दो अन्य कर्मियों की संलिप्तता की सूचना संज्ञान में आई है। यद्यपि यह मामला सिविल पुलिस के क्षेत्र का है। इस मामले की जांच भी उसी के द्वारा की जा रही है किंतु जांच को निष्पक्ष बनाए रखने के दृष्टिगत इन तीनों रेल सुरक्षा बल कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। आरपीएफ आगरा कैंट इंस्पेक्टर सुरेंद्र चौधरी को सुपर विजन की कमी के दृष्टिगत निलंबित कर दिया गया है।

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