एल एस बघेल, आगरा। मथुरा-वंदावन की तर्ज पर आगरा में एक भव्य और विशाल मंदिर बनाये जाने की तैयारी चल रही है। इसकी रूपरेखा तैयार हो गयी है। देश और दुनियां के व्यापारी वर्ग के दानदाताओं को टटोला जा रहा है, जिससे कि 1500 से 2000 करोड़ की लागत से बनने वाले इस ऐतिहासिक मंदिर के निर्माण की कार्रवाई शुरू की जा सके। बताया जा रहा है कि शहर के एक प्रमुख व्यवसायी द्वारा इस मंदिर की रूपरेखा तैयार कर ली गयी है। उनके द्वारा इसका प्रस्ताव बनाकर भारत ही नहीं दुनियां के तमाम देशों में बसे व्यापारियों से रायशुमारी की जा रही है कि इस प्रस्ताव से वे सहमत हैं कि नहीं साथ ही। यह भी राय ली जा रही है कि उनके द्वारा इस भव्य मंदिर के निर्माण में कितना आर्थिक सहयोग किया जा सकता है।
मंदिर के लिए जमीन आगरा शहर से लगी हुई खरीदी जाएगी। इसकी भी योजना बनायी जा रही है। इस आशय का प्रस्ताव बनाने में जुटे व्यापारी वर्ग के एक प्रतिनिधि का कहना है कि राजस्थान के एक मशहूर व्यापारी जो कि विदेश में रहते हैं। वे आगामी दिसंबर माह में भारत आएंगे। इसके पश्चात उनका दौरा आगरा में भी होगा। यहां वे भव्य मंदिर की रूपरेखा देखेंगे। उनको वह स्थल भी दिखाया जाएगा, जहां ऐतिहासिक मंदिर बनाये जाने का प्रस्ताव है।साथ ही उनके माध्यम से अन्य बड़े उद्योगपतियों को भी ताजनगरी बुलाया जाएगा। जिससे कि उनके सहयोग के विषय में चर्चा हो सके। यह मंदिर मथुरा के प्रेममंदिर से भी भव्य बनाये जाने की योजना है। इतनी बड़ी लागत से मंदिर बनाया जाएगा कि देश दुनियां के हिंदू धर्म को मानने वाले जो पर्यटक ताजमहल देखने आएंगे, वे इस मंदिर को भी देखे बिना नहीं रह सकेंगे। वैसे तो आगरा में ताजमहल के अलावा किला, फतेहपुरसीकरी, सिकंदरा , एत्मादुद्दौला आदि ऐतिहासिक इमारतें हैं। जिन्हें देखने के लिए दुनियांभर के सैलानी आगरा आते हैं। मंदिर बनाने वालों द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि जब मंदिर इतना भव्य होगा तो दर्शक भी अपने आप आएंगे। खासबात यह है कि यह मंदिर व्यापारी वर्ग द्वारा बनाया जाएगा। मंदिर निर्माण को सरकार पर भार नहीं डाला जाएगा,अनुमित आदि जो जरूरी होती है , वह तो ली ही जाएगी।