आगरा। जयपुर हाउस कॉलोनी में आवारा कुत्तों का बढ़ता आतंक अब गंभीर रूप ले चुका है। कॉलोनी के कई निवासियों के अनुसार, आवारा कुत्तों ने स्थानीय लोगों और डिलीवरी कर्मियों को कई बार काटा है। डिलीवरी वाले अब बिना डर के पैकेट डिलीवर नहीं कर पा रहे हैं। कॉलोनी के लोग लगातार प्रशासन से इस समस्या के समाधान की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि नगर निगम प्रशासन ने कानों में रुई ठूंस रखी है।
जयपुर हाउस आवासीय वेलफेयर सोसाइटी (रजिस्टर्ड) के अध्य़क्ष अनिल वर्मा एडवोकेट ने बताया कि कॉलोनी में आवारा कुत्तों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि लोग घरों से निकलने में डर रहे हैं। बच्चों और महिलाओं को सबसे ज्यादा भय रहता है।
उन्होंने नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल और स्मार्ट सिटी के सलाहकार सरदार बलजीत सिंह को पत्र भेजकर आवारा कुत्तों को पकड़ कर शेल्टर होम में डालने की तत्काल मांग की है।
श्री वर्मा बताते हैं कि कई बार आवारा कुत्तों ने बच्चों और बुजुर्गों को डराया और काटने की कोशिश की। कुछेक पर हमला भी कर दिया। उनका कहना है कि नगर निगम प्रशासन की अनदेखी के कारण ये जानवर पूरी कॉलोनी में आतंक फैलाए हुए हैं।
आवारा कुत्तों की समस्या यूं तो पूरे शहर में है, लेकिन जयपुर हाउस कॉलोनी क्षेत्र में यह कुछ ज्यादा ही आतंक मचाए हुए हैं। इससे एक बात तो साफ होती है कि कुत्तों की नसबंदी के नाम पर नगर निगम दिखावा ही कर रहा है, अन्यथा यह काम सही तरीके से हुआ होता तो आवारा जानवरों की संख्या इतनी न बढ़ती।
नगर निगम ने कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण अभियान शुरू किया था तो लोगों को उम्मीद बंधी थी कि ये समस्या शनैःशनैः कम होती जाएगी लेकिन यहां तो सब कुछ उल्टा ही हो रहा है। कुत्तों की संख्या घटने के बजाय बढती ही जा रही है जबकि कुत्तों की नसबंदी के नाम पर नगर निगम करोड़ों रुपये फूंक चुका है।