ममत्व फाउंडेशन ने 2019 में महिलाओं और बच्चों के विकास के महान उद्देश्यों के साथ एक गैर सरकारी संस्था के रूप में शुरू किया। यह संस्था सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत है।
ममत्व फाउंडेशन के परियोजनाएं:
1.नारी शक्ति योजना (महिला स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम): इस योजना के तहत, संस्था महिलाओं के लिए स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चला रही है जिसमें मुफ्त स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है और महिलाओं को मुफ्त इलाज, दवाइयाँ, और सेनेटरी पैड आदि प्रदान करने की ओर अग्रसर हैं।
2.इच टू पिच प्रोग्राम (बाल मानसिक स्वास्थ्य विकास कार्यक्रम): इस कार्यक्रम के तहत, संस्था बच्चों के बीच कई कार्यक्रमों का संचालन करता है, जिसमें बच्चों का मानसिक विकास खेलों के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाता है.
3.लर्न एंड अर्न प्रोग्राम (युवा कौशल विकास एवं आर्थिक विकास कार्यक्रम): इस कार्यक्रम के तहत युवाओं को अपनी सामान्य शिक्षा के साथ साथ उद्योग आधारित (इंट्रिगेटेड वोकेशनल कोर्स) उद्योग आधारित स्किल् को विकसित करके शिक्षा के साथ साथ आय प्राप्त करने का अवसर प्रदान करना है।
4. एकीकृत कृषि कार्यक्रम ( लघु एवं सीमांत एवं महिला किसानों की आर्थिक मानसिक और सामाजिक विकास कार्यक्रम): परम्परागत कृषि प्रणाली लगातार घाटे का व्यसाय बनता जा रहा है। इसमें लघु एवं सीमांत एवं महिला किसानों को एकीकृत कृषि प्रणाली के द्वारा फसल उत्पादन पशु पालन मछली पालन मशरूम उत्पादन सब्जी उत्पादन पुष्प उत्पादन के महत्व को समजाते हुए कृषि के इस प्रणाली को अपनाने में जोर देना। कृषि का विकास एक निरंतर चलने वाली क्रिया हैं। अतः कृषि में नये अनुसंधानों सामिल करना नई संस्याओं का समाधान करना।
5.ममत्व रोज़गार कनेक्ट केंद्र(महिलाओं के आर्थिक सामाजिक मानसिक विकास कार्यक्रम): इस रोजगार कार्यक्रम के तहत, संस्था बेरोजगार महिलाओं को घरेलू उद्योगों में प्रशिक्षित करता है और उन्हें सिलाई, कढ़ाई, पापड़, टेडी बियर, अगरबत्ती, मोमबत्तियाँ, और भारतीय मसाले जैसे उद्योगों में काम करने का अवसर प्रदान करता है। यह योजना फ्रेंचाइजी के माध्यम से पूरे भारतवर्ष में संचालित की जा रही है, ताकि इससे भारतवर्ष के सभी गाँवों और कस्बों में महिलाओं को लाभ हो सके।
ममत्व रोजगार कनेक्ट केन्द्र स्थापित करने के नियम एवं शर्तें:
सेंटर MOP ( Members Organization Partnership) मॉडल
ममत्व कनेक्ट केन्द्र की स्थापना का आधार MOP ( Members Organization Partnership) मॉडल पर आधारित होगा। जिसमे 40% मेंबर्स + 60% संगठन के द्वारा खर्च का वहन किया जायेगा।
ममत्व कनेक्ट केन्द्र का सबसे छोटा आकार 2 लाख 25 हजार से 3 लाख 25 हजार के बीच के मूल्य का होगा।
1. सदस्यता शुल्क: महिला कर्मचारियों के लिए सदस्यता शुल्क 500 रुपये है, और एक केंद्र में केवल 15-20 महिलाएं काम करेंगी. और सदस्यता लेने के लिए घर के संरक्षक की सहमति अत्यंत आवश्यक है.
2.कार्य अवधि: प्रत्येक सेंटर के लिए महिलाओं की कार्य अवधि 4 घंटे हैं, और सिर्फ काम पर ही काम किया जाएगा, कार्य आधारित मानदेय शर्त के अनुसार दिया जायेगा।
3.सेंटर स्थापना का समय: सेंटर को पूरी तरह स्थापित होने में चाहिए छह से नव महीने का समय लगेगा, इसके बाद ही कोई सेन्टर पुर्ण हो पायेगा। इसमें किसी भी तरह की कोई भी हस्तछेप मान्य नहीं होगा।
4.सदस्यता रद्द करने का हक: संस्था को सदस्यों की सदस्यता को केन्द्र समिति के अनुशासन का अनुपालन नहीं करने पर रद्द करने का हक होगा, और कोई हस्तक्षेप मान्य नहीं होगा।
5.मानदेय: सदस्यों का मानदेय का हिसाब मासिक होगा, जो की 1 से 10 तारीख के बीच देय होगा।
नोट: ममत्व कनेक्ट केन्द्र में संस्था के द्वारा बनाये गए नियम आवस्यकता अनुसार बदले जा सकते हैं, कोई हस्तछेप मान्य नहीं होगा, और सदस्यता स्वीकृति से पहले आपको सभी नियमों को पूरी तरह से पढ़ने के बाद हस्ताक्षर करना होगा।
ममत्व फाउंडेशन कार्य क्षेत्र: ममत्व फाउंडेशन की शुरुआत उत्तर प्रदेश से हुई और पांच वर्षों में सदस्यों की संख्या भारतवर्ष के लगभग सभी राज्यों में बढ़ी है। संस्था का लक्ष्य है कि यह अपनी योजनाओं का लाभ भारतवर्ष के सभी राज्यों में पहुंचाए और सदस्यों की संख्या 2025 तक 10,000 तक पहुंचे।
ममत्व फाउंडेशन सदस्य/स्वयंसेवक: संस्था में महिला सदस्यों की संख्या बढ़ रही है, और सदस्यों की संख्या 2023 में 4000 से बढ़कर 2024 में 6000 से अधिक होने की संभावना है। संस्था पूरे भारतवर्ष में विस्तार कर रहा है और सदस्यों की संख्या भी बढ़ रही है, जिससे अनुमान है कि 2024 में यह 6000 से ज्यादा होगी।
ममत्व फाउंडेशन प्रबंध टीम:
– श्री राम किशन सिंह: राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
– श्री राज किशोर: राष्ट्रीय अध्यक्ष
सावित्री सोनी: मीडिया प्रभारी
अंजलि शर्मा : जिला प्रभारी
ममत्व फाउंडेशन फ्रेंचाइज़ी भागीदार: ममत्व फाउंडेशन बनाए गए केंद्रों को सभी गाँवों में स्थापित करने का लक्ष्य रख रहा है और इसका प्रचार प्रसार भारतवर्ष के सभी कस्बों और गाँव में करना है, ताकि अधिक से अधिक महिलाओं को रोजगार का अवसर मिले। इच्छुक महिलाएं इसमें फ्रेंचाइजी भागीदार के रूप में हमारे साथ काम कर सकते हैं।