छठ पर्व पर ताजनगरी में पहली बार जीरो वेस्ट अभियान: पूजा के तुरंत बाद घाटों की सफाई

Press Release उत्तर प्रदेश

 नगर निगम ने आधा दर्जन से अधिक घाटों को बनाया जीरो वेस्ट मॉडल
मौके पर ही गीला-सूखा कचरा अलग कर भेजा गया निस्तारण केंद्र

आगरा | छठ पर्व पर इस बार ताजनगरी में नगर निगम ने एक नया प्रयोग करते हुए इसे “जीरो वेस्ट” पर्व के रूप में मनाया। निगम प्रशासन द्वारा शहर के आधा दर्जन से अधिक घाटों को जीरो वेस्ट मॉडल के रूप में चयनित कर पूजा समाप्त होते ही वहां तत्काल सफाई कराई गई। घाटों पर तैनात सफाई मित्रों ने गीला और सूखा कचरा मौके पर ही अलग-अलग एकत्रित किया और पास के गारबेज ट्रांसफर सेंटर पर भेजा। इस दौरान घाटों पर आईं महिला श्रद्धालुओं को सरकार द्वारा चलाए जा रहे मिशन शक्ति 0.5 के तहत महिला अधिकारों की भी जानकारी नगर निगम कर्मियों द्वारा दी गई।

सहायक नगर आयुक्त अशोक प्रिय गौतम ने बताया कि घाटों से निकलने वाले गीले कचरे में नारियल की खोल, केले और अनानास के छिलके, मूली और गाजर के पत्ते शामिल रहे, जबकि सूखे कचरे में अगरबत्ती, माचिस की तीलियां, प्लास्टिक पैकिंग और पूजन सामग्री की थैलियां रहीं। उन्होंने बताया कि इस बार घाटों से एकत्रित कचरे का कोई भी हिस्सा कुबेरपुर डंपिंग साइट नहीं भेजा गया।

गीले कचरे को जैविक खाद निर्माण केंद्र भेजा गया, जबकि सूखा कचरा सीधे रिसाइक्लिंग सेंटर में भेजकर प्रोसेस किया गया। उन्होंने बताया कि इस तरह की पहल आगामी सभी बड़े सार्वजनिक और धार्मिक आयोजनों में भी की जाएगी ताकि शहर को जीरो वेस्ट सिटी बनाने का लक्ष्य पूरा किया जा सके।

उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की भीड़ के आधार पर घाटों का चयन किया गया था। बल्केश्वर, कैलाश घाट, सीताराम घाट, दशहरा घाट, पार्वती घाट, और यमुना आरती स्थल जैसे प्रमुख घाटों पर हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। इन घाटों पर सफाई व्यवस्था के साथ ही चेंजिंग रूम, अस्थाई यूरिनल और पानी के टैंकर भी लगाए गए थे। छठ पर्व पर लोगों ने भी नगर निगम के इस अभियान को खूब सराहा और गीले-सूखे कचरे को अलग करने में सहयोग किया। यह प्रयास शहर को स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल है।

—नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने कहा कि छठ पर्व पर जीरो वेस्ट की अवधारणा को जिस सफल तरीके से लागू किया गया है, वह पूरे शहर के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में नगर निगम के सभी सार्वजनिक और धार्मिक आयोजन इसी मॉडल पर आयोजित किए जाएंगे ताकि आगरा को स्वच्छ, टिकाऊ और प्रदूषणमुक्त बनाया जा सके।

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