आखिर कागजी नोट क्यों जलाते हैं चीन के लोग?

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चीन के सख्त प्रशासन व्यवस्था की आंच अब उसके ही हजारों साल पुराने टॉम्ब-स्वीपिंग फेस्टिवल तक पहुंच गई है. टॉम्ब-स्वीपिंग यानी छिंग मिंग त्योहार हर साल 4 या 5 अप्रैल को मनाया जाता है. इस दिन पितरों की पूजा के दौरान कागजी नोट जलाने की प्रथा देशभर में प्रचलित है. लेकिन चीन के कई प्रांतों ने नोट जलाने की रीति को रोकने का कड़ा आदेश जारी किया है.

आइए जानते हैं कि चीन अपने ही प्राचीन त्योहारों को क्यों बदलना चाहता है.

टॉम्ब-स्वीपिंग फेस्टिवल, चीन में मनाए जाने वाले तीन प्रमुख भूत त्योहारों में से एक है. इस साल यह त्योहार 4 अप्रैल को मनाया गया था लेकिन इसमें पहले जैसी रौनक नहीं रही है. दरअसल, चीनी प्रशासन ने छिंग मिंग त्योहार पर जलाए जाने वाले जॉस पेपर और स्पिरिट मनी के उत्पादान और बेचने पर बैन लगा दिया है. नियम तोड़ने वालों को प्रशासनिक दंड दिए जाने का भी प्रावधान है. तर्क दिया गया है कि वो ‘सभ्य’ प्रथाओं को बढ़ावा देना चाहते हैं.

कागजी नोट क्यों जलाते हैं चीन के लोग?

चीनी समाज में मान्यता है कि पूर्वजों के पास परिवार के जीवित सदस्यों को सुखी जिंदगी देनी की शक्ति होती है. इनका आशीर्वाद पाने के लिए, जीवित लोग अपने पूर्वजों को धन और भोजन चढ़ाते हैं, जिसका इस्तेमाल वो परलोक में करते हैं. माना जाता है कि अगर लोग ऐसा नहीं करेंगे तो उनके मृत पूर्वज परलोक में भूखे रह जाएंगे. पूर्वजों के जीवन की गुणवत्ता की जिम्मेदारी जीवित लोगों पर होती है.

इसी वजह से प्राचीनकाल से चीन के लोग ऐसे त्योहारों के दौरान पैसे जलाते हैं या भोजन चढ़ाते आ रहे हैं. टॉम्ब-स्वीपिंग फेस्टिवल में चीनी परिवार अपने पूर्वजों की कब्रों को साफ करते हैं और मृतकों को भेंट चढ़ाते है. भेंट में आमतौर पर पारंपरिक खाने की चीजें और जॉस स्टिक, अगरबत्ती और कागज की बनी कार, लक्जरी बैग जैसी चीजों जलाना शामिल होता है. यह उनका पूर्वजों को सम्मान करने का एक तरीका है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में पिछले दशक टॉम्ब-स्वीपिंग फेस्टिवल को राष्ट्रीय त्योहार का दर्जा मिला था.फिर अब प्रशासन तंत्र इसके अहम प्रथाओं को बदलने की कोशिश क्यों कर रहा है?

चीनी प्रशासन को सालों पुरानी प्रथा से क्या दिक्कत है?

चीन में लोकल लेवल की सरकारें बीते कुछ सालों से ‘सभ्य अनुष्ठानों’ को बढ़ावा दे रही हैं. अधिकारियों ने लोगों से मृतकों का सम्मान ‘सरल और सादे तरीकों’ से करने को कहा है. उनका आग्रह है कि लोग पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को अपनाए. चीन के अधिकारियों की नजर में नोट जलाना या नए साल पर पटाखे फोड़ना ‘अंधविश्वास’ वाली प्रथा है.

इन प्रथाओं पर बैन लगाने की एक प्रमुख वजह जंगल की आग के बढ़ते मामले भी है. आपातकालीन प्रबंधन मंत्रालय के जारी किए गए आंकड़ों के हिसाब से 2010 से 2019 तक, 97 प्रतिशत से अधिक जंगल की आग मानवीय गतिविधियों के कारण हुई, जिनमें पारंपरिक त्योहारों का एक बड़ा हिस्सा था. जियांग्सू प्रांत के नान्चॉन्ग शहर की बात करें तो आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में शहर में त्योहारों से संबंधित कुल 210 घटनाएं दर्ज की गई, जिनमें से 121 आग की थीं.

पाबंदी के बाद कई लोग कानून का विरोध कर रहे हैं. सरकारी मीडिया चाइना नेशनल रेडियो ने यहां तक कहा कि इस प्रकार का प्रबंधन कठोर और अव्यवहारिक है. दूसरी ओर कुछ लोगों ने अपने रिवाजों को नयापन देने के लिए सहमत हो गए हैं. नोट जलाने की बजाय वो ताजे फूल भेंट करते हैं. वर्चुअल कब्र-सफाई की शुरूआत भी हुई है, जो ज्यादा पर्यावरण-अनुकूल है और इससे जंगल की आग का खतरा भी नहीं है.

-एजेंसी

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