विजय माल्या ने पॉडकास्ट में तोड़ी चुप्पी, बोले-जेटली को बताया था जा रहा हूं मैं भगोड़ा नहीं, मुझे चोर कहना गलत

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विजय माल्या ने राज शमानी के पॉडकास्ट “फिगरिंग आउट” में 9 साल बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कई सनसनीखेज दावे किए। उन्होंने कहा कि 2 मार्च 2016 को जेनेवा में FIA मीटिंग के लिए लंदन जाते समय उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली को सूचित किया था कि वे जा रहे हैं और बैंकों के साथ सेटलमेंट की बात करेंगे। माल्या ने कहा, “पासपोर्ट रद्द होने से मैं लंदन में अटक गया। मैं भगोड़ा नहीं हूं, यह कोई एस्केप प्लान नहीं था। मुझे चोर कहना गलत है।”

उन्होंने दावा किया कि किंगफिशर एयरलाइंस पर 17 बैंकों से लिया गया कर्ज 6,203 करोड़ रुपये था, जिसमें 1,200 करोड़ रुपये ब्याज शामिल था। लेकिन बैंकों ने उनकी संपत्तियों से 14,131.6 करोड़ रुपये वसूल किए, जो कर्ज से दोगुना से ज्यादा है। माल्या ने सवाल उठाया, “जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा कि मेरी संपत्तियों से 14,131 करोड़ रुपये वसूले गए, तो मुझे आर्थिक अपराधी क्यों माना जा रहा है?” उन्होंने यह भी कहा कि 2012 से 2015 के बीच उन्होंने बैंकों को चार बार सेटलमेंट ऑफर दिए, जिनमें 5,000 करोड़ रुपये का ऑफर भी शामिल था, लेकिन इन्हें ठुकरा दिया गया।

माल्या ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बैंकों से वसूली का ब्योरा मांगा है, दावा करते हुए कि वसूली गई राशि उनके कर्ज से कहीं ज्यादा है। उन्होंने कहा कि अगर निष्पक्ष सुनवाई मिले, तो वे भारत लौटने पर विचार करेंगे।

वरिष्ठ पत्रकार व चिंतक लक्ष्मी प्रताप सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा

विजय माल्या रिसेंटली एक पॉडकास्ट में आया है और खुल कर बात की है। ये पॉडकास्ट आपको जरूर सुनना चाहिए। कुछ बातें यहां लिख दे रहा हूं:

1. विजय माल्या ने किंगफिशर एयरलाइन बचाने के लिए अपनी दूसरी कंपनी UBHL के 3 हजार करोड़ के पैसे भी लगाए थे।

2. बैंको ने कोर्ट ऑर्डर द्वारा कंपनी के सारे एसेट और बैंक खाते सील कर दिए थे जिससे कर्मचारियों की तनख्वाह भी रुक गई थी।

3. कर्मचारियों की तनख्वाह के लिए माल्या की दूसरी कंपनी UBHL के 250 करोड़ रुपए थे जिससे वो सैलरी देना चाहता था।

4. इसके लिए विजय माल्या कर्नाटक हाय कोर्ट गया था लेकिन कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी।

5. सैलरी देने का विरोध सरकारी बैंकों ने कहा, उन्होंने कहा जो पैसा है उसपे पहला हक हमारा है, कर्मचारियों का नहीं।

6. सारे लोन कंपनियों के नाम पे थे माल्या ने खुद एक रुपए का लोन नहीं लिया था। लेकिन माल्या ने पर्सनल गारंटी दी थी। कोई भी चोर प्रवृति का या भगोड़ा आदमी कभी भी पर्सनल गारंटी नहीं देता।

7. माल्या पर कुल कर्ज 6,703 करोड़ था। जिसे सेटल करने के लिए उसने 4 बार ऑफर दिया था लेकिन बैंक राजी नहीं हुए।

8. एक बार SBI के चेयरमैन ने कहा था कि बैंकर के तौर पर मैं माल्या का लोन कर्ज वापस लेकर सेटल कर लेता लेकिन फिर अगले दिन CBI मुझे परेशान करने लगेगी।

9. जो सम्पत्ति और, स्टॉक , खाते तब बैंकों के कहने पे कोर्ट ने सील किए थे उनसे 14, हजार करोड़ की रिकवरी होंचुकी हैं जबकि माल्या के ऊपर कुल लोन 6 हजार 7 सौ 3 करोड़ का था।

10. एतिहाद एयरवेज उस वक्त किंगफिशर में पैसा इन्वेस्ट करने वाली थी लेकिन इसके लिए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी जे परमिशन नहीं दी और एविएशन में FDI एलाऊ नहीं किया।

11. इसके लिए माल्या ने प्रणव मुखर्जी और मनमोहन सिंह दोनों को पॉलिसी चेंज करने के लिए कई पत्र लिखे जो सुप्रीम कोर्ट और प्रधानमंत्री ऑफिस दोनों के रिकॉर्ड में हैं।

12. लेकिन किंगफिशर बंद होने के मात्र 6 महीने बाद ही FDI अलाउ कर दिया और जेट एयरवेज में वही डील हो गई।

13. भाजपा ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। इस पत्रों को दिखा कर माल्या और कांग्रेस की मिली भगत दिखाने की कोशिश की।

14. अरनब गोस्वामी वो पत्रकार था जिसने माल्या के खिलाफ सारी खबरें बिना किसी सबूत के आधार पर चलाई। उसके पास एक भी जानकारी पुख्ता नहीं थी, कोरी बकवास करता रहा और उसके पीछे बाकी मीडिया भी TRP के लिए उसी लाइन पे चलने लगी।

इस केस से जुड़े बहुत सारे अनकहे पहलू मैं पहले से जानता था। उठता हुआ आदमी लोगों की आंख में अखरता है, उसका सब मिल कर शिकार करते हैं। माल्या के साथ वही ज्यादा हुआ है। उसे अपने लाइफ स्टाइल की सजा मिली है कर्मों की नहीं। ज्यादातर लोग बिजनेस के टेक्निकल दांव पेच नहीं समझते। इस पॉडकास्ट ने मीडिया और राजनीति की नंगई को उजागर किया है।

साभार सहित

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