फेडरेशन आफ कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन आफ इंडिया द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का समापन
17 वें एआईसीसीएस में शीतगृहों में अग्निशमन सुरक्षा पर भी हुई चर्चा, बताए गए सुरक्षा के उपाय
जनवरी 2025 में पुणे में होगा कोल्ड चेन सेमिनार का आयोजन, प्रदर्शनी में दी गईं आधुनिक उपकरणों की जानकारी
आगरा। पूरे प्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक वर्ष में प्रदेश के विभिन्न जिलों में 500 नए शीतगृहों की स्थापना का लक्ष्य रखा है। जहां आलू उत्पादन अधिक है वहां शीतगृहों की संख्या बढ़ाई जाएगी। ये लक्ष्य निवेश के रास्ते खोलेगा। आगरा में एकत्रित हुए देशभर के शीतगृह स्वामियों को संबोधित करते हुए ये कहा निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग डॉ विजय बहादुर द्विवेदी ने। मॉल रोड स्थित होटल क्लार्क्स शिराज में फेडरेशन ऑफ़ कोल्ड स्टोरेज एसोसिशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित तीन दिवसीय 17 वीं आल इंडिया कोल्ड चेन सेमिनार का रविवार को समापन समारोह आयोजित हुआ।
सेमिनार के तृतीय दिवस का शुभारम्भ मुख्य अतिथि निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग डॉ विजय बहादुर द्विवेदी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर उनके साथ उप निदेशक उद्यान विभाग धर्मपाल यादव, एफसीएओआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश गोयल, राष्ट्रीय संयोजक अरविंद अग्रवाल, लघु उद्योग भारती के प्रदेश सचिव मनीष अग्रवाल, राजेश गुरु, यश कुमार उपस्थित रहे।
निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग डॉ विजय बहादुर द्विवेदी ने शीतगृह स्वामियों के समस्या भी सुनी और जल्द निस्तारण की बात कही। उन्होंने कहा कि शीतगृह स्वामी किसानों के रक्षक माने जाते हैं। किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए ही आगे बढ़ें। कहा कि प्रदेश में करीब एक करोड़ आलू किसान हैं। उन्हें प्रोत्साहित करें कि आलू की क्लस्टर खेती करें। आने वाले दिनों में खाद्य प्रसंस्करण की दिशा में नए निवेश होंगे। कंपनियां आलू के विविध उत्पाद बनाएंगी। उस वक्त अच्छा लाभ किसानों को मिला करेगा।
एफसीएओई के अध्यक्ष राजेश गोयल ने कहा कि सरकार आलू निकासी की तिथि पहले से घोषित करे। साथ ही कोई भी आदेश जब पारित हो तो शीतगृह स्वामियों को थोड़ा समय की मोहलत दी जाए।
राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द अग्रवाल ने बताया कि सरकार से दो मांगे ज्ञापन देकर रखी गईं, जिसके अंतर्गत वर्तमान समय के अनुसार शीतगृह नियमावली में बदलाव त्वरित रूप से करने को कहा गया है। ताकि शीतगृहों में आलू के अलावा किसान के अन्य उत्पादों का भी भंडारण हो सके। और उत्पाद की सुरक्षा हो सके। दूसरी मांग रखी गई है मुर्गी अंडा भंडारण में। दो वर्ष पूर्व रातों रात भंडारण पर रोक लगा दी गई थी। इससे मुर्गी अंडा विक्रेता परेशान हुआ जबकि ये भी कृषि उत्पाद ही है।
आग से बचाव के सुझाव रहे कारगर
भीषण गर्मी में अग्निकांड जैसी दुर्घटना सर्वाधिक होती है। शीतगृहों में भी ये डर बना रहता है। इस समस्या को देखते हुए पूर्व सीएफओ शिव दयाल शर्मा ने अग्निशमन के उपाय बताए। उन्होंने कहा कि शीतगृह में आग लगने के शॉर्ट सर्किट के अलावा दो ही कारण होते हैं। पहला किसी मजदूर द्वारा बीड़ी सिगरेट का प्रयोग या फिर अमोनिया गैस का रिसाव। मजदूरों पर निगरानी रखें। यदि अमोनिया गैस का रिसाव होता है तो तुरंत लीकेज पाइप पर बोरी या कपड़ा बांध दें। हेल्प लाइन नंबर दीवार पर लिखकर रखें। पानी की मोटर का कनेक्शन जनरेटर से अवश्य करके रखें। शीत गृह की क्षमता के अनुरूप वाटर टैंक की व्यवस्था करके रखें।
इनका हुआ सम्मान
कोल्ड चेन सेमीनार के समापन समारोह में अजय गुप्ता, तेजेंद्र गुर्जर, उमेश कंसल, जगदीश मित्तल, शिवरंजन सिंघल, सुभाष अग्रवाल को एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया।
प्रदेश में आलू निकासी- भंडारण में अलीगढ़ ने बढ़ाई बढ़त
प्रदेश में अलीगढ़ जिला आलू निकासी और भंडारण में बढ़त बनाए हुए है। सेमिनार के अंतिम सत्र में प्रदेश में आलू की स्थिति पर चर्चा हुई। अलीगढ़ जिले के सासनी में 180 शीतगृह हैं जहां निकासी और भंडारण अच्छी स्थिति में है। आलू निकासी कन्नौज में सार्वाधिक हो रही है। फर्रुखाबाद में लगातार नए शीतगृह खुल रहे हैं। गुजरात में विगत वर्षों से प्रोसेस आलू की मांग बढ़ी है। वहीं लखनऊ में शुगर फ्री आलू की मांग बढ़ी है।