समान नागरिक संहिता विधेयक ‘वंदे मातरम’ और ‘जय श्री राम’ के नारों के बीच उत्तराखंड की विधानसभा में पेश हो गया है। कांग्रेस ने उत्तराखंड सरकार पर संवैधानिक प्रक्रिया का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। समान नागरिक संहिता विधेयक को लेकर धामी सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है।
विपक्ष के नेता यशपाल आर्य ने कहा है कि सदन संवैधानिक प्रकिया और नियमावली के अनुसार चलता है। विधायकों को प्रश्नकाल में विधानसभा नियम 58 के तहत प्रदेश के ज्वलंत मुद्दे और क्षेत्रीय समस्याएं उठाने का अधिकार है लेकिन भाजपा सरकार संख्याबल पर लगातार इसकी उपेक्षा कर रही है।
लड़कियों को संपत्ति और विवाह संबंधी अधिकार
विधेयक में किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति में माता-पिता के अलावा उसकी पत्नी और बच्चों को समान अधिकार का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा संपत्ति बटवारे में लड़की का समान हक सभी धर्मों में लागू होगा। किसी अन्य धर्म या जाति में विवाह करने पर भी लड़की के अधिकारों का हनन नहीं होगा और सभी धर्मों में विवाह की आयु लड़की के लिए 18 वर्ष अनिवार्य होगी।
-एजेंसी