TMC और JDU का इलेक्टोरल बॉन्ड पर अजीब तर्क, अज्ञात लोग दे गए चंदा

Cover Story

तृणमूल कांग्रेस TMC और जनता दल यूनाइटेड JDU ने अपनी पार्टी के लिए साल 2018-19 में इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिए चंदा देने वाले लोगों की पहचान को लेकर अजीब तर्क दिया है .

दोनों पार्टियों ने कहा है कि उनके पार्टी दफ़्तर में अज्ञात लोग आए और सीलबंद लिफाफे में इलेक्टोरल बॉन्ड दे गए. उन्हें नहीं पता कि ये चंदा किसने दिया.

अंग्रेज़ी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस रिपोर्ट को छापा है. रिपोर्ट के अनुसार जेडीयू ने अप्रैल 2019 में मिले 13 करोड़ रुपए में से केवल तीन करोड़ रुपए देने वाले डोनर्स की पहचान बताई है जबकि टीमएसी ने किसी भी डोनर का नाम नहीं बताया. 16 जुलाई 2018 से 22 मई 2019 के बीच टीएमसी को 75 करोड़ रुपए चंदा मिले लेकिन पार्टी ने डोनर्स की पहचान ज़ाहिर नहीं की है.

अखबार लिखता है कि 27 मई 2019 में टीएमसी ने चुनाव आयोग को अपना जवाब देते हुए कहा था- “इनमें से कई सारे बॉन्ड्स हमारे पार्टी कार्यालय के ड्रॉप बॉक्स में डाले गए या उन लोगों के ज़रिए हम तक पहुँचाए गए जो हमारी पार्टी के समर्थक थे. इसलिए हमारे पास उन लोगों की जानकारी नहीं है, जिन्होंने ये चंदा हमें दिया.”

30 मई 2019 को जेडीयू ने आयोग को दिए गए अपने जवाब में कहा था, “तीन अप्रैल 2019 को हमारे पटना दफ्तर पर कोई आया और एक सीलबंद लिफाफा दे गया. जब लिफाफा खोला तो देखा कि उसमें एक-एक करोड़ के 10 इलेक्टोरल बॉन्ड थे. इस परिस्थिति में हम आपको डोनर्स की जानकारी नहीं दे सकते.”

जेडीयू ने ये भी कहा कि ना ही हम चंदा देने वालों को जानते हैं और ना ही तब हमने जानने की कोशिश की क्योंकि जब ये इलेक्टोरल बॉन्ड हमें मिले तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं आया था और केंद्र सरकार की अधिसूचना के तहत ही डोनेशन हो रहा था.

हालांकि जेडीयू ने दो डोनर्स का नाम बताए हैं- श्री सीमेंट लिमिटेड, अजमेर (राजस्थान) और भारती एयरटेल लिमिटेड गुड़गाँव (हरियाणा). श्री सीमेंट ने 16 अप्रैल 2019 को दो करोड़ का चंदा दिया और भारती एयरटेल ने 26 अप्रैल 2019 को एक करोड़ का चंदा दिया था.

टीएमसी ने अपने किसी भी डोनर का नाम नहीं बताया है. हालांकि पार्टी ने कहा कि हमारे डोनर्स की पहचान इलेक्टोरल बॉन्ड पर दिए गए यूनिक नंबर के ज़रिए पता लगाई जा सकती है.

टीएमसी ने अपने जवाब में आयोग से कहा है, “हम जानते हैं कि इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने वाला एसीबीआई अकेला बैंक है और इसे ख़रीदने के लिए सबको अपना केवाईसी दस्तावेज़ देना होता है. ऐसे में बैंक के पास बॉन्ड ख़रीदने वालों की पूरी जानकारी है.”

बॉन्ड से सबसे मोटी कमाई करने वाली BJP, TMC और कांग्रेस की डोनर्स पर चुप्पी

कोलकाता से निकलने वाले अख़बार द टेलीग्रॉफ़ ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है और इसमें कहा गया है कि इलेक्टोरल बॉन्ड से सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली पार्टियां चुप्पी साधे हुए हैं.

अख़बार लिखता है, रविवार को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर राजनीतिक दलों की ओर से इलेक्टोरल बॉन्ड पर दी गई जानकारी अपलोड की गई. इसके साथ ही ये कहावत चरितार्थ होती दिखी कि- अमीर अपने पैसे के सोर्स की रक्षा ग़रीबों से बेहतर करते हैं.

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके), जनता दल सेक्युलर (जेडीएस), सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), और कुछ हद तक आम आदमी पार्टी जैसी पार्टियां (आप) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने इलेक्टरोल बॉन्ड डोनर्स की जानकारी दी.

लेकिन इस स्कीम की सबसे बड़ी लाभार्थी बीजेपी, दूसरे नंबर पर टीएमसी और तीसरे पर कांग्रेस- तीनों ने ही इस पर चुप्पी बनाए रखी.

वाम दलों ने अपनी दलीलों में इलेक्टोरल बॉन्ड के ख़िलाफ़ अपना रुख़ दोहराया और कहा कि उन्होंने एक भी इलेक्टोरल बॉन्ड नहीं लये. बहुजन समाज पार्टी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने भी बताया कि उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा नहीं लिया.

-एजेंसी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *