पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के बीच सीट समझौते को लेकर अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है। इसी बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने एक बयान जारी किया है। उन्होंने बताया कि टीएमसी अभी भी दुविधा में है।
टीएमसी अभी भी दुविधा में है: अधीर रंजन चौधरी
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “वे (टीएमसी) अभी भी दुविधा में हैं। पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी की तरफ से आधिकारिक रूप से इस पर हां या ना होनी चाहिए। वे आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बोल रहे हैं, क्योंकि वे दुविधा में हैं। उनकी पहली दुविधा यह है कि अगर वे इंडिया गठबंधन के अलग अकेले चुनाव लड़ते हैं तो पश्चिम बंगाल की अल्पसंख्यक उनके खिलाफ मतदान कर सकते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “वहीं दूसरी दुविधा यह है कि अगर बंगाल में गठबंधन को ज्यादा महत्व दिया जाता है तो मोदी सरकार उनके खिलाफ ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करेंगी। इन दो दुविधाओं के कारण टीएमसी स्पष्ठ फैसला नहीं ले पा रही है। हो सकता है कि दिल्ली में कुछ बात हो सकती है, लेकिन इसे लेकर मेरे पास कोई जानकारी नहीं है।”
टीएमसी के लिए दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे: जयराम रमेश
इससे पहले कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि टीएमसी के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे। वहीं टीएमसी ने भी बताया कि वे इंडिया गठबंधन को मजबूत बनाना चाहती है और उनका सबसे बड़ा मकसद भाजपा को हराना है। वहीं शुक्रवार को टीएमसी सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा कि उनकी पार्टी के पश्चिम बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों, असम की कुछ सीट और मेघालय की एक सीट पर चुनाव लड़ने के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।
बता दें कि कांग्रेस और टीएमसी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है। दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पा रही है, जिसके चलते दोनों दलों में गठबंधन की बातचीत रुक गई थी। हालांकि अब कहा जा रहा है कि दोनों दलों में फिर से बातचीत शुरू हो गई है।
-एजेंसी