दिनांक- 10 जून 2024
समय प्रातः 6.30 बजे
स्थान -एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम, सदर बाजार ताजनगरी
एल एस बघेल, आगरा। सोमवार को सुबह ही जब मैंने स्टेडियम के मैदान में प्रवेश किया तो नजारा बहुत सुंदर और मनोहारी लगा। जिसे मैंने अपने कैमरे में तो कैद किया ही साथ ही मौसम का आनंद लिया। चार सौ मीटर लंबे मैदान के मैंने आधा दर्जन चक्कर लगाये। ऐस लग रहा था जैसे किसी समय किसानों की खेतों में फसल लहलहाती है, ठीक उसी तरह खेल के मैदान में इन दिनों खेलकूद की फसल लहलहाती हुई नजर आ रही है। मैदान के पश्चिमी किनारे में एथलेटिक्स के बच्चे दौड़कर रहे थे तो दूसरी ओर बास्केटबाल के प्रशिक्षु अपने कोच के नेतृत्व में कोचिंग ले रहे थे। पूरब की दिशा में फुटबाल के कोच नन्हे-मुन्नों के साथ ही बड़े खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रहे थे। बीच मैदान में क्रिकेट के लगभग एक सैकड़ा खिलाड़ी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे। कुल मिलाकर यह अनुपम दृश्य देखखर मन प्रसन्न हो रहा था। लग रहा था कि वास्तव में हमारी ताजनगरी में लोगों का खेल के प्रति लगाव काफी बढ़ा है। वहीं कुछ लोग फिटनैस में भी लगे हुए थे। वालीबाल के बच्चे भी पूर्वोत्तर में बने अपने कोर्ट पर खेल रहे थे। बाहर हाकी और ताईक्वांडो के बच्चे काफी संख्या मे अभ्यासरत थे। में जिमनास्टिक और बैडमिंटन के अलावा हीरा भाई का जिम भी पूरी तरह खचाखच भरा हुआ था।
इन दिनों बच्चों की स्कूलों की छुट्टियां चल रही हैं। जिनका उपयोग कुछ बच्चे खेलकूद में कर रहे हैं। वहीं कुछ घूमने निकल गये हैं। आज सुबह का खेलकूद के मैदान का नजारा देखकर मन प्रफुल्लित हुआ। लगा कि काश पूरे साल इसी तरह खेल का मैदान भरा रहा करे तो ताजनगरी से एक ओलंपियन जगबीर सिंह ही नहीं बल्कि अनेक ओलंपियन निकल सकते हैं। सोमवार को सुबह 6.30 बजे एकलव्य स्टेडियम के प्रशिक्षक भी मुस्तैदी से मैदान में जमे हुए थे। एक तरफ एथलेटिक्स की कोच कल्पना सिंह सिंह बच्चों को प्रशिक्षण दे रही थीं। दूसरी ओर बास्केटबाल के कोच मनीष वर्मा शिविर के खिलाडि़यों को कोचिंग देने में मशगूल थे। वहीं फुटबाल के कोच योगेश वर्मा पूरी मुस्तैदी के साथ फुटबाल के बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे थे। क्रिकेट में सीनियर खिलाड़ी कोचिंग दे रहे थे। क्योंकि यहां क्रिकेट कोच की नियुक्ति निदेशालय द्वारा नहीं की गयी है। मैडम सविता श्रीवास्तव के सुपुत्र शांतनु निशुल्क कोचिंग दे रहे हैं। कबड्डी का मैदान खाली था। वालीबाल कोच हेमंत भारद्वाज कोचिंग के साथ ही खुद भी मैदान के चक्कर लगा रहे थे। वहीं ताईक्वांडो कोच रघुनाथ यादव कोचिंग के बाद मैदान के चक्कर भी लगा रहे थे। इधर हरदीप सिंह हीरा अपने जिम में तैनात थे तो वहीं हाकी कोच आज सुबह नजर नहीं आये वैसे वह शाम को आते होंगे, क्योंकि आजकल हाकी टूर्नामेंट चल रहा है। जिमनास्टिकहाल मे भी प्रशिक्षुओं की भीड़ थी। वहीं टेनिस कोर्ट पर वेटरन खिलाड़ियों का जमावड़ा सुबह रहता है, जिनमें डाक्टर, वकील, व्यवसायी आदि सभी आते हैं। बैडमिंटन कोर्ट पर भी प्रातःकालीन सत्र में वेटरन खिलाड़ियों का जमावड़ा ज्यादा रहता है। वहीं कोच कपूर भी अपने बच्चों को बैडमिंटन के गुर सिखा रहे थे। कुल मिलाकर एकलव्य स्टेडियम इन दिनों खचाखच भरा हुआ है। कोशिश की जाए तो पूरे साल खिलाड़ियों का जमघट यहां लगा रहेगा। जो कि देश, प्रदेश के साथ ही इस अ्ंतरराष्ट्रीय शहर ताजनगरी के लिये जरूरी है। पूरे जोश के साथ मेहनत कोच और खिलाड़ी करेंगे तो यहां से भी अनेक ओलंपियन निकलेंगे।