स्त्री शक्ति की नई परिभाषा गढ़ेगी फिल्म “दहेज का चक्रव्यूह”

Entertainment

आगरा। सामाजिक सरोकारों को स्वर देती आरए मूवीज़ के बैनर तले निर्मित फिल्म “दहेज का चक्रव्यूह” का अंतिम दृश्य मंगलवार को डॉ. एमपीएस वर्ल्ड स्कूल स्थित अतुल्य भारत कल्चरल सेंटर में फिल्माया गया। यह दृश्य भावनाओं से ओतप्रोत और गर्व से भरा रहा, जिसने सभी की आँखें नम कर दीं।

निर्माता रंजीत सामा की इस फिल्म की कहानी एक ऐसी नारी की संघर्षगाथा है, जो समाज की गहरी जड़ों में पैठी कुप्रथा दहेज के खिलाफ आवाज़ उठाती है और स्त्री शक्ति की एक नई परिभाषा गढ़ती है।

फिल्म के अंतिम दृश्य में दर्शाया गया कि ‘स्त्री शक्ति अवॉर्ड’ के गरिमामयी मंच पर महामहिम राष्ट्रपति महोदय स्वयं उपस्थित हैं और नायिका कुसुम गुप्ता (जिसकी भूमिका निभाई है मोनिका यादव ने) को “स्त्री शक्ति अवॉर्ड” से सम्मानित करते हैं। राष्ट्रपति की भूमिका स्वाड्रन लीडर ए.के. सिंह ने निभाई है। मंच पर जब कुसुम पुरस्कार ग्रहण करने पहुंचती हैं, तो दृश्य भावनात्मक चरम पर पहुंच जाता है — एक ऐसा क्षण जो दर्शकों के मन को गहराई से छूता है।

फिल्म के सह-निर्माता अजय शर्मा, निर्देशक अविनाश वर्मा और क्रिएटिव डायरेक्टर रंजीत चौधरी हैं। यथार्थवादी दृष्टिकोण के साथ सामाजिक संदेश को प्रभावी रूप से प्रस्तुत करने में पूरी टीम ने कोई कसर नहीं छोड़ी। फिल्म की कहानी और पटकथा सुप्रसिद्ध लेखक डॉ. महेश धाकड़ ने लिखी है।

“दहेज का चक्रव्यूह” न केवल दहेज प्रथा की अमानवीयता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि किस प्रकार एक महिला एसिड अटैक जैसी भयावह त्रासदी के बाद भी न केवल खुद को संभालती है, बल्कि उसी पीड़ा को अपनी शक्ति में बदलकर समाज के लिए प्रेरणा बनती है।

फिल्म की शूटिंग के समापन पर निर्माता रंजीत सामा ने कहा

“यह केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि एक आंदोलन है। हमारा उद्देश्य है कि समाज दहेज जैसी कुप्रथाओं को जड़ से खत्म करे और हर बेटी को उसका हक, सम्मान और आत्मबल मिले।”

-up18News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *