रैपिड रेल में मर्यादा तार-तार, स्कूली छात्रों की हरकत से ज्यादा डरावना CCTV फुटेज लीक, NCRTC की सुरक्षा पर गंभीर सवाल

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नई दिल्ली। देश की राजधानी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाली हाईस्पीड परियोजना नमो भारत (रैपिड रेल) को लेकर एक वायरल वीडियो ने हड़कंप मचा दिया है। यह वीडियो न केवल सार्वजनिक मर्यादाओं पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि रेल यात्रियों की निजता और सुरक्षा को लेकर किए जा रहे दावों पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है।

वायरल वीडियो नमो भारत ट्रेन के एक कोच का बताया जा रहा है, जिसमें स्कूली ड्रेस में नजर आ रहा एक प्रेमी युगल आपत्तिजनक स्थिति में दिखाई देता है। मामला केवल सार्वजनिक अश्लीलता तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे कहीं अधिक गंभीर मुद्दा सीसीटीवी डेटा लीक का सामने आया है। वीडियो में टाइम स्टैम्प और कैमरा आईडी जैसी तकनीकी जानकारियां स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही हैं, जिससे यह साफ है कि यह किसी मोबाइल फोन से नहीं, बल्कि आधिकारिक सीसीटीवी रिकॉर्डिंग से लिया गया फुटेज है।

खाली कोच में हुई मर्यादाहीन हरकत

बताया जा रहा है कि उस समय कोच में यात्रियों की संख्या बेहद कम थी। इसी का फायदा उठाकर युगल ने सार्वजनिक स्थान की सभी सीमाओं को लांघ दिया। लेकिन सवाल यह है कि एक अत्यधिक सुरक्षित कंट्रोल रूम से यह फुटेज बाहर कैसे पहुंचा?

NCRTC ने दिए जांच के आदेश

वीडियो सामने आते ही एनसीआरटीसी में हड़कंप मच गया। प्रबंधन ने तत्काल प्रभाव से आंतरिक जांच के आदेश दे दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, तकनीकी टीम यह पता लगाने में जुटी है कि वीडियो किस तारीख और समय का है, उस दौरान ड्यूटी पर कौन-कौन से कर्मचारी तैनात थे और फुटेज किस तरह लीक हुआ।

अधिकारियों का कहना है कि यदि किसी भी कर्मचारी की भूमिका सामने आती है तो उसके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ कानूनी केस भी दर्ज किया जाएगा।

निजता उल्लंघन बड़ा अपराध

कानूनी जानकारों के मुताबिक, इस मामले में दो अलग-अलग अपराध बनते हैं।

सार्वजनिक अश्लीलता: यदि वीडियो में दिख रहे छात्र नाबालिग हैं, तो उनके मामले में जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत काउंसलिंग और सुधारात्मक कदम उठाए जा सकते हैं।

डेटा और प्राइवेसी उल्लंघन: सीसीटीवी फुटेज लीक करना आईटी एक्ट की धारा 66E और 67 के तहत गंभीर अपराध है, जिसमें जेल और भारी जुर्माने का प्रावधान है।

यात्रियों में डर और नाराजगी

गाजियाबाद की नियमित यात्री वर्मा कहती हैं कि रैपिड रेल को अब तक सुरक्षित मानकर सफर करती थीं, लेकिन इस घटना के बाद डर लग रहा है। “अगर निजी पलों का वीडियो इस तरह लीक हो सकता है, तो कोई भी खुद को सुरक्षित कैसे माने?”

सिस्टम के लिए चेतावनी

यह घटना एनसीआरटीसी के लिए एक बड़ा वेक-अप कॉल मानी जा रही है। सिर्फ आधुनिक ट्रेनें और तेज रफ्तार इंजन ही नहीं, बल्कि डेटा सुरक्षा और कर्मचारियों की जवाबदेही भी उतनी ही जरूरी है।

फिलहाल, जांच जारी है। अब सबकी नजर इस पर टिकी है कि सुरक्षा तंत्र में सेंध लगाने वाला व्यक्ति कब सामने आता है और यात्रियों के भरोसे को दोबारा कैसे बहाल किया जाता है।

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