संसद में बजट सत्र से पहले आज सर्वदलीय बैठक हुई। इस बैठक के लिए केंद्र की तरफ से सभी पार्टियों को आमंत्रित किया गया था। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी दोनों सदनों के सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक की। यह बैठक संसद के पुस्तकालय में आयोजित की गई थी।
बैठक शुरू होने से पहले टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय और सुखेंदु शेखर रे, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और अर्जुन राम मेघवाल से मिले। उनके अलावा एमडीएमके सांसद वाइको इस बैठक में शामिल हुए। बता दें कि बजट सत्र एक फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन से शुरू होगा और इस सत्र का समापन नौ फरवरी को होगा।
प्रह्लाद जोशी ने बताया कि इस बैठक में 30 पार्टियों के 45 नेताओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा, ‘यह बैठक एक बेहतर महौल में संपन्न हुई है। यह एक छोटा और 17वें लोकसभा का आखिरी सत्र था।’
बैठक में उठाया गया सांसदों के निलंबन का मुद्दा
सर्वदलीय बैठक के बाद टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा, ‘हम अपनी मांग रखने के लिए इच्छुक है। हमने 150 सांसदों के निलंबन का मुद्दा भी उठाया, लेकिन सरकार का रवैया किसी भी सवाल का जवाब देने का नहीं है।’
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से इंडिया गठबंधन को लेकर सवाल किया गया। उन्होंने कहा, ‘इंडिया गठबंधन अब ब्रेन डेड हो चुका है। सांसदों के निलंबन पर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा, सभी निलंबन रद्द कर दिए जाएंगे। मैंने लोकसभा के स्पीकर और राज्यसभा के सभापति से बात की है। मैंने सरकार की तरफ से उनसे अनुरोध भी किया है। यह स्पीकर और सभापति का अधिकार क्षेत्र है इसलिए हमने उन दोनों से अनुरोध किया है कि वे सभी सांसदों का निलंबन रद्द करें और उन्हें सदन में आने की अनुमति दें। दोनों ही इस बात से सहमत हैं।’
बजट सत्र से पहले सभी नेताओं के साथ बैठक
प्रह्लाद जोशी ने इस बैठक में शामिल होने के लिए सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया है। इस वर्ष अप्रैल-मई में होने वाले चुनावों से ठीक पहले बजट सत्र मौजूदा लोकसभा का आखिरी संसद सत्र होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार यानी की एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी।
बता दें कि सरकार की तरफ से इस बैठक में सत्र का एजेंडा विपक्ष के साथ साझा किया जाता है। इसके अलावा सदन में सुचारु कामकाज के लिए विपक्ष से सहयोग का अनुरोध किया जाता है।
सीआईआई ने की अलग से निवेश मंत्रालय बनाने की सिफारिश
अंतरिम बजट आम तौर पर लोकसभा चुनाव के बाद सरकार बनने तक बीच की अवधि की वित्तीय जरूरतों का ख्याल रखता है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने बजट को लेकर अपनी अपेक्षाएं और सिफारिशें देते हुए कहा है कि सरकार को विनिवेश लक्ष्यों को पूरा करने और विनिवेश के लिए 3 साल का कार्यक्रम निर्धारित करना चाहिए। इसके अलावा पेट्रोलियम, बिजली और रियल एस्टेट को भी जीएसटी में शामिल करते हुए तीन दर संरचना का लक्ष्य पूरा करना चाहिए। साथ ही सरकार से पूंजीगत व्यय को 20 फीसदी बढ़ाकर 12 लाख करोड़ करने और अलग से निवेश मंत्रालय की स्थापना करने का अनुरोध किया है।
-एजेंसी