आगरा। अवैध धर्मांतरण गिरोह का एक और चेहरा सामने आया है। मास्टरमाइंड सहित अन्य आरोपियों के तार मानव तस्करी और अंग बेचने वाले रैकेट से जुड़े होने की जानकारी पुलिस को मिली है। इस पर टीम ने गहनता से पड़ताल शुरू कर दी है। आशंका है कि खरीद-फरोख्त का यह खेल विदेशों तक फैला था। मजदूर और कमजोर वर्ग को झांसे में लेते थे।
मार्च में सदर क्षेत्र से लापता हुई कारोबारी की ये बेटियां 18 जुलाई को कोलकाता के तपसिया इलाके में पुलिस को मिली थीं। 19 जुलाई को 6 राज्यों से 10 आरोपी भी पकड़े गए थे। बाद में दिल्ली का मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान पकड़ा गया। उसके दो बेटे और एक अन्य बाद में पकड़े गए। अब्दुल रहमान सहित 11 आरोपियों से रिमांड पर पूछताछ हुई।
पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि पहले यह गिरोह धर्मांतरण कराने तक ही सीमित होने का लग रहा था। मगर, जैसे-जैसे पूछताछ आगे बढ़ती गई, वैसे-वैसे नई जानकारी सामने आने लगी। मास्टरमाइंड सहित अन्य से पूछताछ में गिरोह के तार मानव तस्करी करने वाले और मानव अंगों को को बेचने वाले रैकेट से भी होने की बात सामने आई है।
कमजोर और मजदूर वर्ग के लोगों को जाल में फंसाया जाता था। खासतौर पर लड़कियों को धर्म परिवर्तन के बाद विदेश जाने के लिए तैयार करते थे। हां बोलने पर तस्करी का खेल होता था। जानकारी यह भी है कि मानव अंगों को भी बेचा जाता था। हालांकि पुलिस के पास कोई पीड़ित नहीं आया है। इसके बारे में में पुलिस जानकारी जुटा रही है। गिरोह के सदस्यों से मिली जानकारी के आधार पर इस रैकेट में शामिल लोगों की भी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।