देश का संविधान हमारा स्वाभिमान है, दुनिया की कोई ताकत इसे मिटा नहीं सकती: राहुल गांधी

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प्रयागराज। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शनिवार को भगवतपुर, चकिया, महाराणा प्रताप चौराहा स्थित इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के कन्वेंशन सेंटर में आयोजित संविधान सम्मान सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला।

राहुल गांधी ने कहा कि कुछ दिन पहले मैं रायबरेली गया था। वहां मुझे मोची की दुकान दिखी, इसलिए मैं वहां बैठ गया। मैं समझना चाहता था कि आखिर वो कैसे काम करते हैं? बातचीत में उन्होंने बताया कि राहुल जी जिंदगी में सिर्फ मेरे पिता ने मेरी इज्जत की और किसी ने इज्जत नहीं दी। ये सुनने के बाद मैं सोच रहा था कि इतना हुनर होने के बाद भी इन्हें किसी ने इज्जत नहीं दी। देश में ऐसे हजारों लोग हैं, जिनके साथ ऐसा हर रोज हो रहा है। इस देश में हुनर की इज्जत है ही नहीं। ये देश की सच्चाई है।

उन्होंने कहा कि जैसे गाड़ी के इंजन में सिलेंडर होते हैं। वैसे ही माना कि हिंदुस्तान के इंजन में 10 सिलेंडर हैं, लेकिन काम सिर्फ एक सिलेंडर कर रहा है। यानी 90% लोगों की सिस्टम में कोई भागीदारी नहीं है, फिर भी हम कहते हैं कि देश सुपर पॉवर बन जाएगा। इसलिए हमने जातिगत जनगणना की बात उठाई है, ताकि लोगों को उनकी भागीदारी मिल सके। राहुल गांधी ने कहा कि देश की जनता ने नरेंद्र मोदी को संविधान की ताकत दिखा दी।

राहुल गांधी ने कहा कि देश का संविधान हमारा स्वाभिमान है। समानता, सम्मान और अधिकारों का रक्षक है। दुनिया की कोई ताकत इसे मिटा नहीं सकती। उन्होंने कहा कि  जातिगत जनगणना मेरे लिए राजनीति नहीं, ये मेरा मिशन है।

नेता विपक्ष ने कहा कि मुझे मोची भाई ने बताया कि मोदी सरकार ने एक नया प्रोग्राम शुरू किया है। हमें वहां ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया, लेकिन हम उनके ही ट्रेनर को सिखा कर वापस आ गए। क्योंकि हम तो 40 साल से मोची का काम कर रहे हैं। आज देश में चाहे नाई, बढ़ई, प्लंबर, मोची हो या किसान- सबके पास ज्ञान है। सबके हाथ में हुनर है, लेकिन सिस्टम में इनसे कोई बात ही नहीं करता।

राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान की जो सच्चाई है जो हकीकत है। जिसकी जितनी आबादी है उसके हिसाब से पॉलिसी बनाई जानी चाहिए। यदि लोगों की आबादी के हिसाब से नीतियां नहीं बनाई जाती हैं तो जरूरतमंदों को इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा और पॉलिसी बनाने का कोई मतलब नहीं है।

राहुल गांधी ने कहा कि देश की 70 फीसदी आबादी के हिसाब से नीतियां नहीं बनाई जा रही हैं। केंद्र सरकार की नीतियां सिर्फ चुनिंदा पूजीपतियों और तीस फीसदी लोगों के लिए है। अधिकांश आबादी को केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। संविधान यह कहता है कि सभी नागरिक एक समान हैं और सभी को बराबर अधिकार मिलना चाहिए।

साभार सहित

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