चालिहा पर्व समाप्त, अंतिम दिन हुआ भंडारा, सजा फूल बंगला, धर्म की रक्षा के लिए भगवान झूलेलाल की आराधना की परंपरा
आगरा। 40 दिनों से चल रहे सिंधी समाज के चालिहा पर्व का समापन भंडारे के साथ हुआ। लोगों ने पूरे उत्साह से चालिहा पर्व मनाया। इसके साथ ही समाज का जत्था बहराणा ज्योति लेकर विसर्जन के लिए हरिद्वार पहुंच गया। वहां मौजूद सिंधी सेंट्रल पंचायत के पदाधिकारियों ने जत्थे का स्वागत किया और ज्योति विसर्जन कार्यक्रम हुआ। बल्केश्वर स्थित झूलेलाल मंदिर पर चालिहा पर्व के अन्तिम दिन सुबह से ही पूजा अर्चना शुरू की गई। दिन भर चली पूजा अर्चना में सिंधी समाज की महिलाओं और पुरुषों ने भाग लिया। मंदिर परिसर में फूल बंगले सजाया गया। महिलाओं ने विशेष व्रत रखकर इस पूजा-अर्चना में भाग लिया। अन्तिम दिन सिंधी सेन्ट्रल पंचायत के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सोनी ने दीप प्रज्ज्वलित किया। उन्होंने बताया अखंड भारत के सिंध प्रांत में मुसलमान शासक मिरख शाह ने हिंदू सिंधी भाषी लोगों को मुसलमान बनाने के लिए बलात धर्म परिवर्तन का कुचक्र चलाया था। उस से दुखी होकर के सिंधी समाज के लोग सिंधु नदी के किनारे पर एकत्रित हुए और वरुण अवतार भगवान झूलेलाल की प्रार्थना की। भगवान की आराधना करके धर्म परिवर्तन से बचाने की मनौती मांगी।
सिंधी समाज के लोग 40 दिन तक भूखे प्यासे सिंधु नदी के किनारे पर भगवान वरुण अवतार की पूजा में लीन रहे। कहते हैं कि 40वें दिन आकाशवाणी हुई। भगवान ने कहा कि मैं शीघ्र ही नसरपुर में रतन राय के घर अवतार लेकर आप लोगों की रक्षा करूंगा। सिंधु नदी के जल पर मछली पर सवार एक सिद्ध पुरुष के दर्शन हुए। इसी उपलक्ष में समाज के लोग भगवान वरुण अवतार का यशोगान करते हैं। भगवान झूलेलाल ने राजा मिरख शाह को बिना किसी रक्त पात के धर्म परिवर्तन न कराने की सलाह दी और उनके उपदेशों से प्रभावित होकर के मिरख शाह भगवान झूलेलाल के शिष्य बन गए। अत्याचारों का अंत हो गया। वरुण अवतार भगवान झूलेलाल ने धर्मनिरपेक्षता और परस्पर मिलकर रहने का उपदेश किया। इसी वजह से 40 दिन की पूजा की जाती है, जिसे चालिहा कहते हैं। मीडिया प्रभारी मेघराज दियालानी ने बताया कि गुरुवार की रात बहराणा ज्योति को लेकर हरिद्वार प्रस्थान कर गए। हरिद्वार में सिंधी सेन्ट्रल पंचायत के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सोनी, महामंत्री परमानंद अतवानी, घनश्याम दास देवनानी, मीडिया प्रभारी मेघराज दियालानी, अशोक कोडवानी, राम चंद खत्री, भजनलाल प्रधान, किशोर बुधरानी , रोहित अयलानी, रूपचंद धनवानी, अशोक चावला, भजन मखीजा, शोभा सोनी, रजनी आदि ने जत्थे का स्वागत किया।