लखनऊ। राजधानी लखनऊ में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) की कार्रवाई में लगभग 5 करोड़ रुपये मूल्य की अवैध कोडीन सिरप बरामद होने के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस प्रकरण को लेकर प्रदेश सरकार पर तीखा प्रहार किया है और गंभीर जांच की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, FSDA की टीम ने 1 से 17 अक्टूबर के बीच लगातार छापेमारी अभियान चलाया, जिसमें अवैध रूप से रखी गई कोडीन युक्त सिरप की भारी मात्रा पकड़ी गई। बताया जा रहा है कि इस सिरप की आपूर्ति प्रदेश के कई हिस्सों में की जा रही थी। कोडीन युक्त सिरप खांसी की दवा के रूप में उपयोग की जाती है, लेकिन नशे के तौर पर इसके दुरुपयोग के कई मामले सामने आ चुके हैं।
हाल ही में कोल्ड्रिफ सहित कई कफ सिरप को लेकर देशभर में हड़कंप मच चुका है, जब इनके सेवन से कई मासूम बच्चों की मौत हुई थी। इसके बाद सरकार ने कई ब्रांड्स पर प्रतिबंध लगाया था।
इस बीच अखिलेश यादव ने बुधवार को अपने फेसबुक अकाउंट पर एक समाचार रिपोर्ट साझा करते हुए लिखा, “मुख्यमंत्री जी की नाक के नीचे जानलेवा सिरप की आपूर्ति अस्पतालों, जेलों, घरों तक हो रही है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय सुविधाजनक चुप्पी साधे बैठा है।”
उन्होंने आगे कहा, “इस मौन के पीछे किसे लाभ मिल रहा है और इस ‘घुट्टी घोटाले’ में कौन शामिल है, इसकी तत्काल जांच हो। कहीं ऐसा तो नहीं कि सत्ता से नजदीकी संबंधों का फायदा उठाकर कोई ऐसे नकली सिरप की आपूर्ति कर रहा हो। भाजपाई भ्रष्टाचार अब लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहा है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।”
FSDA के अधिकारियों के अनुसार, बरामद सिरप के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि यह कोडीन फॉस्फेट युक्त प्रतिबंधित दवा है, जिसका अवैध रूप से भंडारण किया गया था। विभाग अब सप्लाई चैन और वितरण नेटवर्क की जांच में जुटा है।
इस मामले के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग और औषधि नियंत्रण प्रशासन के कामकाज पर भी सवाल उठने लगे हैं। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकारी संरक्षण में नशे के कारोबार को बढ़ावा दिया जा रहा है।
