कमल चौहान हत्याकांड: एनकाउंटर से डरा हत्या का आरोपी, वकीलों की फौज लेकर सरेंडर करने पहुंचा एसएसपी ऑफिस

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मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कानून व्यवस्था और पुलिस की सख्ती का असर अपराधियों पर साफ दिख रहा है। हालात ऐसे हैं कि बदमाश या तो पुलिस मुठभेड़ों में घायल होकर पकड़े जा रहे हैं, या फिर खौफ में आकर थाने और अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर रहे हैं। मुरादाबाद में ऐसा ही नजारा शुक्रवार शाम देखने को मिला, जब हिंदू समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष कमल चौहान की सरेआम हत्या के मामले में आरोपी लक्की यादव वकीलों की फौज के साथ एसएसपी दफ्तर पहुंचा और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

वकीलों संग कांपता हुआ पहुंचा आरोपी

जानकारी के मुताबिक, लक्की यादव अपने वकीलों के साथ एसएसपी कार्यालय पहुंचा। पहले उसने सीधे एसएसपी के सामने सरेंडर करने की कोशिश की, लेकिन वहां औपचारिकता पूरी नहीं हो सकी। इसके बाद वह बराबर में स्थित एसपी देहात कुंवर आकाश सिंह के दफ्तर में गया और आत्मसमर्पण कर दिया। एसपी देहात ने कटघर पुलिस को मौके पर बुलाकर आरोपी को उनके सुपुर्द कर दिया।

गैंग के सरगना को मुठभेड़ में पकड़ा था पुलिस ने

इस पूरे गैंग का सरगना सन्नी दिवाकर पहले ही कटघर पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। पुलिस ने उसे हाल ही में एक मुठभेड़ में दबोचा था। इस दौरान उसके दोनों पैरों में गोली लगी थी। एक गोली उसके दाहिने पैर के घुटने को छेदती हुई निकल गई, जबकि दूसरी गोली बाईं टांग में लगी। गंभीर हालत में पहले उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, फिर स्थिति बिगड़ने पर मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया।

पुलिस के खौफ में सरेंडर

सन्नी दिवाकर की हालत और पुलिस की कार्रवाई देखने के बाद उसके अन्य साथी सहम गए। उन्हें डर सताने लगा कि कहीं पुलिस उनका भी सीधा एनकाउंटर न कर दे। इसी खौफ और जान बचाने की मजबूरी में लक्की यादव ने वकीलों की टीम के साथ एसएसपी दफ्तर जाकर आत्मसमर्पण किया।

अभी चार आरोपी फरार

कमल चौहान की हत्या के मामले में मृतक के परिजनों ने कुल छह लोगों को नामजद किया था। इनमें से अब तक केवल दो आरोपी—सन्नी दिवाकर और लक्की यादव—पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। बाकी चार आरोपी अब भी फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।

कानून-व्यवस्था पर संदेश

इस घटनाक्रम ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि यूपी पुलिस की कार्रवाई और सरकार की सख्त नीति से अपराधियों में गहरी दहशत है। अपराध करने वाले अब या तो मुठभेड़ में घायल होकर पकड़े जा रहे हैं या फिर पुलिस का खौफ देखकर खुद आत्मसमर्पण कर रहे हैं।

साभार सहित

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